




भोपाल शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने एक बार फिर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले कुछ वर्षों से शहर में भीख मांगने की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही थी, जिसके चलते प्रशासन ने अब विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
इस अभियान के तहत सड़क और सार्वजनिक क्षेत्रों में अधिकारी सक्रिय हुए, जिन्होंने भीख मांगने वालों को समझाइश दी और उन्हें अपने घर भेजा। अभियान के दौरान एसीडीएम और डीएसपी खुद सड़कों पर उतरकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों को निर्देशित किया कि भीख मांगना कानूनन अपराध है और इसे रोकने के लिए प्रशासन सतर्क है।
अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान केवल जुर्माना लगाने या गिरफ्तारी करने तक सीमित नहीं है। बल्कि यह भीख मांगने वालों को सुझाव और सहायता प्रदान करने की दिशा में भी केंद्रित है। अभियान के दौरान कई ऐसे लोग भी पाए गए जो कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे थे। प्रशासन ने उनकी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और सहायता कार्यक्रमों से जोड़ने का प्रयास किया।
भोपाल प्रशासन का कहना है कि भिक्षावृत्ति केवल समाज की छवि को प्रभावित नहीं करती, बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था और यातायात के संचालन में भी बाधा डालती है। शहर में भीख मांगने वालों की बढ़ती संख्या ने सड़क सुरक्षा, स्वच्छता और नागरिकों की सुविधा को प्रभावित किया है। इस कारण प्रशासन ने अभियान को निरंतर और व्यापक रूप से चलाने का निर्णय लिया है।
एसडीएम और डीएसपी ने व्यक्तिगत रूप से भीख मांगने वालों से वार्ता की और उन्हें समझाया कि भिक्षावृत्ति करना समाज और कानून दोनों के खिलाफ है। इसके साथ ही अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति बिना जरूरत के परेशान न हो और सभी की सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखा जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अभियान केवल तत्कालीन सुधार तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह आवश्यक है कि शहर में स्थायी समाधान निकाले जाएं, जिसमें गरीबी निवारण, शिक्षा और रोजगार के अवसर शामिल हों। प्रशासन ने भी इस दिशा में कदम उठाने की बात कही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अभियान के दौरान आवश्यक सामाजिक और आर्थिक सहायता उपलब्ध हो।
इस पहल का असर आम नागरिकों पर भी देखा जा रहा है। शहर की सड़कों पर अब भीख मांगने वालों की संख्या घट रही है और लोग इसे स्वागत कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि यह कदम शहर की सफाई, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
भोपाल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे नियमित रूप से सड़क और सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी रखें। इसके अलावा प्रशासन ने शहर में भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान को सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रमों से जोड़ने की योजना बनाई है।