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    दिवाली से पहले बड़ा खुलासा: सतना से यूपी जा रहे 167 किलो अवैध पटाखे जब्त, 6 गत्तों में छिपाकर कर रहे थे तस्करी

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    दिवाली से ठीक पहले मध्यप्रदेश के सतना जिले में पुलिस ने अवैध पटाखों की एक बड़ी खेप पकड़ी है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब एक गिरोह उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से पटाखे बेचने की तैयारी में था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक संदिग्ध वाहन को रोका और जब उसकी जांच की गई, तो छह बड़े गत्तों में भरे 167 किलो विस्फोटक पटाखे बरामद हुए। यह मामला उजागर होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

    पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह खेप सतना से यूपी के प्रयागराज और कौशांबी जिलों में बेचने के लिए भेजी जा रही थी। स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया कि “हमें लंबे समय से इस इलाके में अवैध रूप से पटाखों की सप्लाई होने की सूचना मिल रही थी। दिवाली के सीजन में ऐसे गिरोह सक्रिय हो जाते हैं, जो अवैध विस्फोटक सामग्री को सस्ते दामों में खरीदकर पड़ोसी राज्यों में महंगे दामों पर बेचते हैं।”

    जब पुलिस टीम ने संदिग्ध ट्रक को रोका और तलाशी ली, तो गत्तों में भरे पटाखों को देखकर सभी दंग रह गए। मौके पर ही विस्फोटक विशेषज्ञों को बुलाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बरामद सामान से किसी प्रकार का हादसा न हो। पुलिस ने बताया कि बरामद सामग्री में रॉकेट, बम, सुतली बम, और अन्य उच्च श्रेणी के पटाखे शामिल थे, जिनका निर्माण किसी लाइसेंस प्राप्त फैक्ट्री में नहीं हुआ था।

    पूछताछ में सामने आया कि तस्कर इन पटाखों को बिना वैध अनुमति के छोटे व्यापारियों को बेचने की फिराक में थे। ये पटाखे कम गुणवत्ता वाले रसायनों से बनाए गए थे, जो विस्फोटक नियमों का उल्लंघन करते हैं और आम जनता की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक हैं। जांच में यह भी पाया गया कि तस्करी का यह नेटवर्क पिछले कई वर्षों से सक्रिय था और हर साल दिवाली से पहले बड़ी मात्रा में अवैध पटाखे विभिन्न जिलों में पहुंचाए जाते थे।

    पुलिस ने वाहन को जब्त कर चालक सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। प्रारंभिक पूछताछ के अनुसार, यह गिरोह मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच काम करता है। वे स्थानीय स्तर पर पटाखों का स्टॉक तैयार कर उसे अलग-अलग राज्यों में खपाने का काम करते हैं।

    इस पूरे अभियान में सतना पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम, विस्फोटक विभाग और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई शामिल थी। पुलिस ने बताया कि बरामद विस्फोटक की बाजार कीमत करीब ₹3.5 लाख रुपये आंकी गई है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल एक तस्करी गिरोह तक सीमित नहीं रहेगी। अब पूरे नेटवर्क की कड़ी से कड़ी जोड़ने के लिए जांच को राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाया जा रहा है।

    सतना एसपी ने मीडिया को बताया कि “हमने इस मामले में धारा 286, 336 और विस्फोटक अधिनियम 1908 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच आगे भी जारी है और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।” पुलिस के अनुसार, जब्त किए गए पटाखों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है और विशेषज्ञों की निगरानी में उनका निस्तारण किया जाएगा ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।

    दिवाली के मौके पर इस तरह के अवैध कारोबार को लेकर पुलिस और प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर थे। पुलिस ने जिले भर में छापेमारी अभियान तेज कर दिया है। खासकर ग्रामीण और औद्योगिक इलाकों में पटाखों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। वहीं, फायर डिपार्टमेंट को भी संभावित हादसों से निपटने के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

    स्थानीय नागरिकों ने इस कार्रवाई की सराहना की है। कई लोगों ने कहा कि ऐसे अवैध पटाखे न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि लोगों की जान के लिए भी खतरा हैं। पिछले वर्षों में कई घटनाएं ऐसी सामने आई हैं, जिनमें अवैध रूप से बेचे गए पटाखों की वजह से भीषण आग लगी थी।

    गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों को निर्देश दिए हैं कि दिवाली के दौरान पर्यावरण प्रदूषण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए। वहीं, अवैध रूप से निर्मित विस्फोटक उत्पादों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। सतना पुलिस की यह कार्रवाई उसी दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

    सतना जिले के एसपी ने जनता से अपील की है कि वे अवैध पटाखों की बिक्री या खरीद की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ कानून व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। किसी भी दुर्घटना से बचाव के लिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि ऐसे कारोबारों को रोकें।”

    इस बड़ी कार्रवाई के बाद अब पुलिस अन्य जिलों में भी अभियान तेज करने जा रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरोह पकड़े जाएं। यह घटना साफ दिखाती है कि दिवाली की रौनक के बीच कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं, लेकिन पुलिस की सजगता ने इस बार एक बड़े हादसे को टाल दिया।

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