




नासिक में भारतीय वायुसेना के लिए गर्व का पल आया है। स्वदेशी तेजस Mk 1A लड़ाकू विमान ने नासिक प्लांट से अपनी पहली सफल टेस्ट फ्लाइट पूरी की। इस ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित रहे और उन्होंने नई प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन किया। यह नया चरण भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने और स्वदेशी तकनीक को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
तेजस Mk 1A की यह टेस्ट फ्लाइट बेहद सफल रही। विमान ने निर्धारित उड़ान योजना के अनुसार सभी तकनीकी और उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए। आसमान में गरजते हुए यह स्वदेशी फाइटर जेट भारतीय वायुसेना के शौर्य और सामरिक ताकत का प्रतीक बन गया है। इस मौके पर विमानों का स्वागत जमीन पर पानी की बौछारों से किया गया, जो भारतीय सेना और विमान निर्माता HAL की परंपरा है।
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इस विमान के निर्माण में स्वदेशी तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया है। HAL के चेयरमैन ने बताया कि तेजस Mk 1A को आधुनिक लड़ाकू क्षमताओं के साथ विकसित किया गया है। इसमें एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड दोनों तरह की मिशन क्षमता है, और यह अत्याधुनिक रडार और हथियार प्रणालियों से लैस है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि तेजस Mk 1A की ये टेस्ट फ्लाइट भारत की वायु सेना की शक्ति और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय वायुसेना के पास अब 97 ऐसे विमानों के ऑर्डर हैं, जो आने वाले वर्षों में सेना की उड़ान क्षमता और स्ट्राइक पावर को कई गुना बढ़ा देंगे। इसके अलावा, विमान के डिजाइन और उड़ान प्रणाली को भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल बनाया गया है, जिससे यह लंबी दूरी की स्ट्राइक मिशन में भी प्रभावी साबित होगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि तेजस Mk 1A केवल एक विमान नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी प्रगति और स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने HAL और भारतीय वायुसेना की टीमों की मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह विमान न केवल देश की रक्षा में मदद करेगा, बल्कि भारतीय विमान उद्योग को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
विमान के विकास में HAL ने अत्याधुनिक तकनीक, मैन्युफैक्चरिंग विशेषज्ञता और भारतीय इंजीनियरिंग की शक्ति का उपयोग किया है। यह परियोजना भारत के मेक इन इंडिया अभियान का भी हिस्सा है, जिसका उद्देश्य घरेलू क्षमता के माध्यम से सैन्य तकनीक को आत्मनिर्भर बनाना है। तेजस Mk 1A की यह सफल टेस्ट फ्लाइट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की क्षमताओं को दिखाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, तेजस Mk 1A की बढ़ी हुई रेंज, आधुनिक हथियार प्रणाली और लड़ाकू प्रदर्शन इसे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्यों में एक महत्वपूर्ण हथियार बनाते हैं। भारतीय वायुसेना इसे मिग-21 और अन्य पुराने विमानों की जगह पर इस्तेमाल करेगी, जिससे सेना की लड़ाकू क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
तेजस Mk 1A के साथ, भारतीय वायुसेना अब और अधिक स्वदेशी, आधुनिक और सामरिक रूप से सक्षम हो गई है। नासिक में हुई यह सफल टेस्ट फ्लाइट भारतीय विमान निर्माण उद्योग की क्षमता और देश की सुरक्षा में सुधार का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में यह विमान भारतीय वायुसेना की ताकत का अहम हिस्सा बनेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की तकनीकी दक्षता को प्रदर्शित करेगा।
इस ऐतिहासिक टेस्ट फ्लाइट के बाद, तेजस Mk 1A की पूरी सीरीज़ का उत्पादन तेज गति से किया जाएगा। HAL और भारतीय वायुसेना की टीम इसे निरंतर मॉनिटर कर रही है, ताकि यह विमान पूरी तरह से ऑपरेशनल तैयार हो सके। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में यह स्वदेशी लड़ाकू विमान भारत की सुरक्षा और रक्षा रणनीति में निर्णायक भूमिका निभाएगा।