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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली एक बार फिर निराशाजनक प्रदर्शन करते नजर आए। कोहली इस मैच में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। यह लगातार दूसरा मौका है जब वह शून्य पर आउट हुए हैं। एडिलेड के मैदान पर खेले जा रहे इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जेवियर बार्टलेट ने कोहली को आउट कर भारतीय दर्शकों को हैरान कर दिया।
विराट कोहली, जो अपनी स्थिरता और क्लासिक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, इस समय फॉर्म में नहीं दिख रहे हैं। पिछले कुछ मैचों में उन्होंने रन बनाने में संघर्ष किया है, और अब लगातार दो बार “डक” पर आउट होना उनकी आत्मविश्वास पर असर डाल सकता है। क्रिकेट प्रेमियों और विश्लेषकों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर कोहली को किसकी नजर लग गई है।
दूसरे वनडे में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था, लेकिन शुरुआत से ही टीम लड़खड़ाती नजर आई। पहले रोहित शर्मा जल्दी आउट हुए और फिर विराट कोहली ने भी बिना रन बनाए अपना विकेट गंवा दिया। बार्टलेट की आउटस्विंग गेंद को खेलने की कोशिश में कोहली ने बल्ला आगे बढ़ाया, लेकिन गेंद सीधी विकेटकीपर के दस्तानों में जा समाई। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने अपील की और अंपायर ने कोहली को आउट दे दिया।
कोहली का यह प्रदर्शन भारतीय फैंस के लिए झटका साबित हुआ। स्टेडियम में मौजूद दर्शक उम्मीद कर रहे थे कि वह अपनी क्लासिक बल्लेबाजी से टीम को मज़बूत शुरुआत देंगे, लेकिन निराशा हाथ लगी। सोशल मीडिया पर भी कोहली के आउट होने के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ फैंस ने उनके खराब फॉर्म पर चिंता जताई तो कुछ ने कहा कि “किंग कोहली” जल्द वापसी करेंगे।
विराट कोहली के आउट होने के बाद भारतीय टीम पर दबाव बढ़ गया। मध्यक्रम पर जिम्मेदारी शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर के कंधों पर आ गई। हालांकि गिल ने कुछ आकर्षक शॉट खेले, लेकिन कोहली जैसे अनुभवी बल्लेबाज की कमी टीम में साफ महसूस हुई।
विश्लेषकों का मानना है कि कोहली का लगातार दो मैचों में शून्य पर आउट होना केवल तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि मानसिक दबाव का संकेत है। हाल के दिनों में टीम इंडिया पर लगातार क्रिकेट खेलने का दबाव रहा है, और वरिष्ठ खिलाड़ियों पर प्रदर्शन का बोझ स्वाभाविक रूप से अधिक होता है।
कोहली का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमेशा शानदार रहा है। एडिलेड, मेलबर्न और सिडनी जैसे मैदानों पर उन्होंने कई यादगार पारियां खेली हैं। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग दिख रही है। संभवतः ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने कोहली की कमजोरी को बारीकी से समझ लिया है और लगातार उसी लाइन पर उन्हें परेशान कर रहे हैं।
इस सीरीज से पहले विराट कोहली ने टी20 और टेस्ट प्रारूप में शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन वनडे प्रारूप में उनका बल्ला फिलहाल खामोश नजर आ रहा है। यह भारतीय टीम प्रबंधन के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि आने वाले महीनों में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और इंग्लैंड दौरे जैसी अहम श्रृंखलाएं सामने हैं।
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने मैच के बाद कहा कि कोहली जैसे बल्लेबाज को बस एक अच्छी पारी की जरूरत है। “एक बार वह रन बनाने लगें, तो कोई उन्हें रोक नहीं सकता। लेकिन अभी उन्हें शांत दिमाग से अपनी तकनीक पर काम करने की जरूरत है।”
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए बार्टलेट का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने नई गेंद से सटीक लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी की और भारतीय शीर्ष क्रम को झकझोर दिया। कोहली का विकेट लेने के बाद बार्टलेट का आत्मविश्वास और बढ़ गया, और उन्होंने अगले ओवरों में भी शानदार प्रदर्शन जारी रखा।
मैच के दौरान एक दिलचस्प दृश्य यह भी देखने को मिला जब कोहली आउट होने के बाद सिर झुकाकर पवेलियन लौटे। उनके चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी, लेकिन फैंस को उम्मीद है कि “किंग” जल्द ही अपनी फॉर्म में लौटेंगे और अगली पारी में धमाकेदार प्रदर्शन करेंगे।
कोहली के करियर में यह पहली बार नहीं है जब वे लगातार आउट हुए हों। 2014 के इंग्लैंड दौरे पर भी उन्होंने इस तरह की मुश्किलें झेली थीं, लेकिन उसके बाद उन्होंने शानदार वापसी की थी। यही कारण है कि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार भी विराट वापसी करने में देर नहीं लगाएंगे।
टीम इंडिया के लिए यह समय आत्मविश्लेषण का है। कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को अब बल्लेबाजी क्रम में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं ताकि शुरुआती विकेट गिरने की स्थिति में टीम संतुलन बनाए रख सके।
फिलहाल सीरीज रोमांचक स्थिति में पहुंच चुकी है। भारत को अगर इस मैच में वापसी करनी है, तो मध्यक्रम को जिम्मेदारी निभानी होगी। वहीं विराट कोहली से भी करोड़ों भारतीय फैंस को उम्मीद है कि वह अगले मुकाबले में अपनी खोई हुई लय वापस हासिल करेंगे।
विराट कोहली का लगातार दो मैचों में शून्य पर आउट होना निश्चित रूप से टीम इंडिया के लिए चेतावनी की घंटी है। लेकिन जैसा कि इतिहास गवाह है, कोहली हमेशा दबाव में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। अब देखना यह है कि क्या वह तीसरे वनडे में अपनी फॉर्म में वापसी कर “किंग” की तरह बल्ले से जवाब देंगे या नहीं। पूरा देश उनकी अगली पारी का इंतजार कर रहा है।








