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हनुमानगढ़। जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने शुक्रवार सुबह जल संसाधन विभाग के कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर प्रशासनिक कार्यप्रणाली और स्वच्छता व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। यह निरीक्षण हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय में किया गया, जहाँ कलेक्टर ने कार्यालय परिसर की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने ग्रीन एंड क्लीन कैंपस के मानकों के अनुरूप कार्यालय परिसर में स्वच्छता, हरियाली, और रिकॉर्ड प्रबंधन की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने इस अवसर पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यालय न केवल प्रशासनिक कार्यों का केंद्र है, बल्कि यह जनविश्वास और पारदर्शिता का प्रतीक भी होना चाहिए। इसलिए हर स्तर पर साफ-सफाई, अनुशासन और दक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
कलेक्टर डॉ. यादव ने मुख्य अभियंता श्री प्रदीप के साथ जल संसाधन विभाग के तीनों प्रमुख कार्यालयों का निरीक्षण किया— मुख्य अभियंता जल संसाधन (उत्तर), अधीक्षण अभियंता जल संसाधन वृत्त हनुमानगढ़, और अधिशाषी अभियंता जल संसाधन खंड द्वितीय। उन्होंने इन कार्यालयों के विभिन्न अनुभागों का दौरा किया और फाइलों के संधारण, दस्तावेज़ी व्यवस्था तथा समयबद्ध निस्तारण की स्थिति का अवलोकन किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि कुछ शाखाओं में फाइलें अव्यवस्थित ढंग से रखी गई थीं और रजिस्टरों का संधारण मानक के अनुरूप नहीं था। इस पर कलेक्टर ने तत्काल सुधार के निर्देश दिए और कहा कि प्रत्येक कार्यालय यह सुनिश्चित करे कि सभी अभिलेख सुव्यवस्थित रूप से रखे जाएं, ताकि किसी भी समय जांच या समीक्षा के दौरान कोई कठिनाई न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि फाइलों का समय पर निस्तारण प्रशासनिक दक्षता का मापदंड है, और किसी भी स्तर पर देरी अस्वीकार्य होगी।
डॉ. यादव ने कर्मचारियों को यह भी बताया कि स्वच्छता केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि कार्यस्थल की संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “सरकारी कार्यालय जनता के लिए कार्य करने का स्थान हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि यहाँ आने वाले नागरिकों को सकारात्मक अनुभव मिले। स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।”
निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालय परिसर की हरि








