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दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ अब एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में बदल गया है। India Meteorological Department (IMD) ने इसे अगले 24-48 घंटों में आंध्र-प्रदेश तट से टकराने वाला बताया है। इस दौरान आंध्र-प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में भारी बारिश, उफ़ानी हवाएं व समुद्र में ऊँचे लहरों का खतरा है।
मौसम विभाग ने बताया है कि तूफान की गति लगभग 15 किमी प्रति घंटा है और सुबह तक इसे “गंभीर चक्रवाती तूफान” की श्रेणी में रखा जा चुका है। वर्तमान में इसका केन्द्र मछिलीपट्टनम से करीब 190 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व, काकीनाडा से 270 किमी और विशाखापट्टनम से 340 किमी दूर है।
आंध्र-प्रदेश: राज्य सरकार ने तटवर्ती जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है। multiple जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और हजारों लोगों को तटवर्ती क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। समुद्री गतिविधियाँ बंद कर दी गई हैं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
ओडिशा: राज्य के आठ दक्षिणी जिलों को रेड अलर्ट श्रेणी में रखा गया है। राज्य सरकार ने 128 से अधिक राहत-बचाव टीमों को सक्रिय किया है और निचले इलाकों व पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को पहले-पहले सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी हो रही है।
तमिलनाडु: हालांकि लैंडफॉल की दिशा मुख्य रूप से आंध्र तट है, लेकिन तमिलनाडु के उत्तरी तटीय जिलों में भारी वर्षा व तूफानी हवाओं की आशंका है। वहाँ ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है और नागरिकों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि लैंडफॉल के समय हवाओं की गति 90-100 किमी/घंटा तक पहुँच सकती है, जबकि झोंकों में यह 110 किमी/घंटा तक जा सकती है। समुद्र में ज्वार वृद्धि के कारण तटीय निचले इलाकों में 1 मीटर तक पानी बढ़ने का अंदेशा है, जिसके कारण बाढ़ और जलभराव की स्थिति बन सकती है।
विश्लेषकों के अनुसार, मछिलीपट्टनम-कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा क्षेत्र में लैंडफॉल की संभावना है। इस वजह से पूर्वी तट की तैयारी बेहद अहम है।
राज्य सरकारों ने राहत शिविर तैयार किए हैं, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें मुस्तैद हैं और आवश्यक खाद्य-पानी-दवाई का स्टॉक भी सुनिश्चित किया गया है। आंध्र-प्रदेश में विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जा रही है।
मछुआरों को निर्देश दिया गया है कि वे तुरंत बंदरगाह लौट आएँ। ट्रेनों व उड़ानों को पूर्व-सावधानी के तौर पर रद्द किया गया है।
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तटीय इलाके में रहने वाले नागरिकों को अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है।
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अपने घरों के ढीले सामान, छत आदि का निरीक्षण करें।
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बिजली-पानी में कटौती हो सकती है—इसलिए आवश्यक सामग्री जैसे टार्च, बैटरी, पानी, दवाई आदि पहले से जुटा लें।
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समुद्र किनारे दूर रहें तथा मछली-नाव से संबंधित गतिविधियों से बचें।
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स्थान-निर्देशित राहत शिविरों या सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें।
चक्रवाती तूफान मोंथा पूरे पूर्वी तट पर अलर्ट की स्थिति बना चुका है। आंध्र-प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु को आने वाले दिनों में भारी वर्षा, तेज हवाएँ व समुद्री अस्थिरता की चुनौती से गुजरना पड़ सकती है। इस तरह की प्राकृतिक आपदा में समय रहते उठाए गए कदम—जैसे पूर्व-सूचना, निकासी, तैयार-राहत-प्रबंधन—जीवन और संपत्ति की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं।








