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भारत के अग्रणी शोध एवं शिक्षा संस्थानों में से एक, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु ने वर्ष 2025 के अपने प्रतिष्ठित “Distinguished Alumnus/Alumna Awards” तथा “Young Alumnus/Alumna Medals” विजेताओं की घोषणा की है। इस वर्ष कुल आठ पूर्व छात्रों को यह सम्मान प्रदान किया गया है, जिनमें कुछ ऐसे नाम शामिल हैं जो NASA और Amazon Web Services (AWS) जैसी वैश्विक स्तर की बड़ी‑बड़ी संस्थाओं में कार्यरत हैं।
इन पुरस्कारों का उद्देश्य IISc के ऐसे पूर्व छात्रों को पहचान देना है जिन्होंने अपने‑अपने क्षेत्रों में चुनिंदा योगदान, नवाचार, शोध या समाज‑सेवा के माध्यम से बेहतर परिणाम दिए हों। IISc की ऑफिस ऑफ डेवलपमेंट एंड अलुमनी अफेयर्स (ODAA) के अनुसार, “IISc Distinguished Alumnus/Alumna Award – 2025” उन पूर्व छात्रों को मिलेगा जिन्होंने अपने व्यवसाय, अनुसंधान, तकनीकी या सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया हो।
विश्लेषकों का कहना है कि इस चयन में विशेष रूप से इस बात पर ध्यान दिया गया है कि संस्थान से निकली प्रतिभाएँ सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि वैश्विक मंच पर सक्रिय हों। हाल ही में चयनित पुरस्कारार्थियों में ऐसे व्यक्तित्व शामिल हैं जिन्होंने NASA और AWS में काम करते हुए विश्व‑स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। ఈ यह दर्शाता है कि भारतीय शैक्षणिक संस्थान वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खुद को स्थापित कर रहे हैं।
शिक्षा‑विश्लेषकों के अनुसार, इस तरह का सम्मान न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों को उजागर करता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा भी देता है। जब किसी छात्र‑युवा को यह معلوم हो कि उसके संस्थान के पूर्व छात्र NASA या AWS जैसे अग्रणी संस्थानों तक पहुंचे हैं, तो उसके लिए ‘मैं भी कर सकता हूँ’ की प्रेरणा उत्पन्न होती है। यह भारत के शोध‑उद्योग व नवाचार माहौल के लिए उत्साही संकेत है।
IISc के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि यह पुरस्कार सिर्फ नाम मात्र का सम्मान नहीं है। इसे देते समय उम्मीदवारों के शोध‑पत्र, उद्योग‑सहभागी योगदान, सामाजिक प्रभाव और संस्थान के प्रति सेवा जैसे पहलुओं को ध्यान में रखा गया है। इसके अलावा, इस वर्ष युवाओं के लिए “Young Alumnus/Alumna Medal” की शुरुआत की गई है ताकि युवा पूर्व छात्रों को समय से समर्थन और मान्यता मिल सके।
ऐसे में इस पहल की सामरिक और प्रतीकात्मक दृष्टि भी महत्वपूर्ण है। भारतीय शिक्षा‑अनुसंधान ढांचे के भीतर जब इस तरह के पुरस्कार वैश्विक संस्थानों में कार्यरत पूर्व छात्रों को दिए जाते हैं तो यह संदेश जाता है कि भारतीय संस्थान वैश्विक स्तर की सोच और प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं। साथ ही यह विश्वास भी बढ़ाता है कि भारत के शोध‑विकास एवं नवाचार की दिशा में आगे बढ़ने की क्षमता रखता है।
इन पुरस्कारों के माध्यम से यह भी स्पष्ट हुआ है कि IISc ने सिर्फ विद्यार्थियों को अध्ययन‑सिखने तक सीमित नहीं रखा बल्कि उन्हें वैश्विक सोच, उद्योग‑उद्यम, सामाजिक योगदान और नेतृत्व की दिशा में प्रशिक्षित किया है। पूर्व छात्रों का उद्योग‑उद्यम, स्टार्ट‑अप्स या अंतरराष्ट्रीय शोध‑मंचों पर सक्रिय होना इसकी पुष्टि करता है।
समारोह की घोषणा के मुताबिक, पुरस्कार वितरण समारोह इस वर्ष दिसंबर में IISc के बेंगलुरु परिसर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी चयनित पुरस्कारार्थियों का स्वागत और सम्मान होगा। कार्यक्रम में वर्तमान छात्र‑शिक्षक, संस्थान कर्मी एवं पूर्व छात्र तथा उद्योग‑प्रतिनिधियों की भी मौजूदगी रहने की संभावना है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि IISc द्वारा इस वर्ष आयोजित Alumni Excellence Awards ने न सिर्फ आठ पूर्व छात्रों को सम्मानित किया है बल्कि यह दिखाया है कि भारतीय शोध‑उद्योग‑शिक्षा परिदृश्य में आने वाली चुनौतियों को डिजाइन करने व सामना करने की क्षमता रखता है। यह उन सभी छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षण‑कर्मियों को प्रेरणा देता है जो भविष्य में नई चुनौतियों का सामना करने के इच्छुक हैं।
भविष्य की पीढ़ियों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है: कि शिक्षा‑संस्थान सिर्फ परीक्षा पारित करने की जगह नहीं है बल्कि वैश्विक मंच पर सक्रिय, जिम्मेदार और प्रेरित नेतृत्व तैयार करने का केंद्र है। इस संदर्भ में, NASA और AWS जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े पूर्व छात्रों का इस सूची में होना विशेष महत्व रखता है—वे यह संकेत देते हैं कि “वैश्विक स्तर की सफलता” अब किसी दूर की बात नहीं, बल्कि हमारी पहुंच में है।







