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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है। महिला वनडे विश्व कप 2025 के फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर भारत ने पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। लेकिन इस जीत की सबसे बड़ी नायिका रहीं युवा खिलाड़ी शेफाली वर्मा, जिन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से ऐसा प्रदर्शन किया, जो क्रिकेट इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया। शेफाली वर्मा ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह अब तक किसी भी पुरुष क्रिकेटर ने भी नहीं की थी।
फाइनल मुकाबले से पहले शायद ही किसी ने सोचा होगा कि शेफाली वर्मा भारतीय टीम के लिए इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी स्टार बनकर उभरेंगी। दरअसल, शेफाली शुरूआती स्क्वाड का हिस्सा भी नहीं थीं। उन्हें आखिरी वक्त पर तब टीम में शामिल किया गया जब ओपनर प्रतिका रावल चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। लेकिन जैसा कहा जाता है, “मौके का फायदा वही उठाता है जो तैयार होता है” — शेफाली ने इस कहावत को सच साबित कर दिया।
फाइनल मैच में भारत की शुरुआत शानदार रही। शेफाली और स्मृति मंधाना की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी की। शेफाली ने 78 गेंदों पर 87 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों पर शुरुआत से ही दबाव बना दिया। उनके शॉट्स में वही आत्मविश्वास झलक रहा था, जिसके लिए वो जानी जाती हैं।
बल्ले से धमाका करने के बाद शेफाली ने गेंदबाजी में भी कमाल कर दिखाया। टीम की जरूरत के वक्त उन्होंने 2 अहम विकेट झटके, जिससे साउथ अफ्रीका की पारी लड़खड़ा गई। उनकी गेंदबाजी ने भारत की जीत की राह आसान बना दी। उनके इस शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए उन्हें फाइनल का ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
शेफाली वर्मा ने इस उपलब्धि के साथ विश्व क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड बनाया। वह वर्ल्ड कप फाइनल में 75+ रन बनाने और 2 या उससे ज्यादा विकेट लेने वाली पहली खिलाड़ी बनीं। यह रिकॉर्ड अब तक किसी पुरुष क्रिकेटर के नाम भी नहीं था। यहां तक कि 1983, 2011 या 2023 के पुरुष विश्व कप फाइनल में भी कोई खिलाड़ी ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पाया था।
21 साल की शेफाली ने दिखा दिया कि मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। वह हरियाणा के रोहतक की रहने वाली हैं और बचपन से ही लड़कों के साथ क्रिकेट खेलते हुए बड़ी हुईं। उनकी बल्लेबाजी में वही जोश और बेखौफ अंदाज दिखता है। शेफाली की यह पारी सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के नए युग की शुरुआत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीसीसीआई और कई क्रिकेट दिग्गजों ने शेफाली वर्मा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है। सोशल मीडिया पर उनकी तारीफों की बाढ़ आ गई है। क्रिकेट फैंस उन्हें “लेडी सहवाग” और “फाइनल की क्वीन” कहकर संबोधित कर रहे हैं।
महिला क्रिकेट के इतिहास में यह जीत हमेशा याद रखी जाएगी। शेफाली वर्मा ने यह साबित कर दिया है कि अवसर चाहे देर से मिले, लेकिन जुनून और जज्बे के आगे कोई सीमा नहीं होती। उनकी यह कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
भारत की इस जीत के साथ महिला क्रिकेट ने विश्व स्तर पर अपनी ताकत का ऐलान कर दिया है। शेफाली वर्मा का यह प्रदर्शन न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों के लिए गर्व का पल है।

		
		
		
		
		
		
		
		
		






