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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले राज्य की सियासत में एक बड़ा मोड़ आ गया है। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को एक जनसभा में चुनावी रैली के दौरान बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो बिहार में इस बार एक नहीं बल्कि चार उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) होंगे। तेजस्वी ने दावा किया कि उनकी सरकार हर समाज, हर वर्ग और हर क्षेत्र को समान प्रतिनिधित्व देगी।
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर न केवल सामाजिक न्याय बल्कि प्रशासनिक संतुलन और क्षेत्रीय संतुलन भी सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि बिहार के हर वर्ग की आवाज सरकार में सुनी जाए। इसलिए हमारी सरकार में चार उपमुख्यमंत्री होंगे — एक अति पिछड़ा वर्ग से, एक दलित समाज से, एक अल्पसंख्यक समुदाय से और एक महिला प्रतिनिधि के रूप में।”
इस घोषणा ने बिहार की राजनीतिक फिजां को गर्मा दिया है। राजनीतिक विश्लेषक इसे तेजस्वी यादव की रणनीतिक चाल मान रहे हैं, जिससे वे विभिन्न सामाजिक समूहों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में फिलहाल जातीय समीकरणों का बड़ा असर चुनावी परिणामों पर पड़ता है, और तेजस्वी की यह घोषणा सीधे उसी आधार पर वोट बैंक को साधने की कोशिश मानी जा रही है।
तेजस्वी यादव ने अपनी रैली में युवाओं, किसानों और पुलिसकर्मियों को भी कई बड़ी सौगातों का वादा किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो राज्य के सभी किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की गारंटी दी जाएगी। उन्होंने कहा, “बिहार का किसान अब और परेशान नहीं होगा। हमारी सरकार में किसान को सम्मान और सुरक्षा दोनों मिलेगी।”
महिलाओं को लेकर तेजस्वी ने कहा कि उनकी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष योजना लाएगी। उन्होंने वादा किया कि राज्य में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा और साथ ही महिलाओं के लिए सुरक्षित यात्रा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने महिला उद्यमिता मिशन शुरू करने की भी बात कही, जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को छोटे व्यवसायों के लिए ब्याज-मुक्त ऋण दिए जाएंगे।
पुलिसकर्मियों को लेकर भी तेजस्वी ने कहा कि उनकी ड्यूटी और कार्य स्थितियों को बेहतर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को ओवरटाइम का भुगतान, बीमा कवर और स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। तेजस्वी ने कहा, “हमारी सरकार पुलिसकर्मी को सिर्फ ड्यूटी पर नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में देखेगी।”
तेजस्वी यादव का यह बयान चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में आया है और इसे एनडीए पर दबाव बढ़ाने वाली चाल के रूप में देखा जा रहा है। दूसरी ओर, एनडीए नेताओं ने तेजस्वी की घोषणा को “चुनावी स्टंट” बताया है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि “तेजस्वी यादव सिर्फ वादे कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता अब सब जानती है। जनता विकास चाहती है, न कि घोषणाओं का पुलिंदा।”
हालांकि, राजद खेमे में इस घोषणा के बाद उत्साह बढ़ गया है। पार्टी कार्यकर्ता इसे तेजस्वी की नई राजनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जो युवाओं और समाज के हर तबके को साथ लेकर चलने की बात करती है।
जानकारों का कहना है कि बिहार की राजनीति में यह पहला मौका है जब किसी प्रमुख नेता ने इतने बड़े पैमाने पर चार उपमुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि तेजस्वी यादव अब अपनी पार्टी को पुराने जातीय ढांचों से निकालकर नई राजनीतिक दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन के अंत में कहा, “हम बिहार को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय के रास्ते पर आगे बढ़ाएंगे। हमारे लिए सत्ता का मतलब सेवा है, और इस सेवा में किसी वर्ग की उपेक्षा नहीं होगी।”
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता तेजस्वी यादव के इस बहु-डिप्टी सीएम मॉडल और वादों को कितना स्वीकार करती है। चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले इस बयान ने निश्चित तौर पर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है और सभी दल अब नई रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

		
		
		
		
		
		
		
		
		






