• Create News
  • Nominate Now

    ठाणे ट्रेन हादसे में बड़ी कार्रवाई: रेलवे के दो इंजीनियरों पर FIR, लापरवाही से गईं चार यात्रियों की जान

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    मुंबई। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में जून 2025 में हुई एक दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना को लेकर अब बड़ी कार्रवाई की गई है। इस घटना में चार यात्रियों की मौत और नौ लोगों के घायल होने के बाद अब रेलवे ने अपनी आंतरिक जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट के आधार पर मुंबई पुलिस ने मध्य रेलवे के दो इंजीनियरों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया है। यह पहली बार है जब रेलवे अधिकारियों पर यात्रियों की मौत के लिए सीधे आपराधिक जिम्मेदारी तय की गई है।

    घटना 9 जून 2025 को दिवा और मुंब्रा रेलवे स्टेशनों के बीच घटी थी। उस दिन शाम के समय लोकल ट्रेन में अत्यधिक भीड़ थी। गाड़ियों के बीच की दूरी और तकनीकी सिग्नलिंग समस्या के कारण दो लोकल ट्रेनों की अचानक आमने-सामने की आवाजाही से अफरातफरी मच गई। इसी दौरान कुछ यात्री चलती ट्रेन से गिर गए, जिनमें चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

    स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उस दिन ट्रेनों में असामान्य देरी हो रही थी और रेलवे कर्मियों को पहले से इस तकनीकी समस्या की जानकारी दी गई थी, लेकिन समय पर सुधार नहीं किया गया। यात्रियों का कहना था कि स्टेशन पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे और सिग्नलिंग विभाग को बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई।

    इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन पर सवाल उठने लगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तत्काल घटना की जांच के आदेश दिए थे और मुंबई रेल मंडल को सात दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। अब इस रिपोर्ट के आधार पर मुंबई जीआरपी (Government Railway Police) ने दो इंजीनियरों— सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नलिंग) और सेक्शन इंजीनियर (मेंटेनेंस)—के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304A (लापरवाही से मृत्यु) और 337 (लापरवाही से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया है।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में पाया गया कि जिस ट्रैक सेक्शन में हादसा हुआ, वहां पिछले कुछ महीनों से सिग्नलिंग की समस्या बनी हुई थी। तकनीकी निरीक्षण में यह भी सामने आया कि सिग्नल की टाइमिंग और ट्रेन मूवमेंट कंट्रोल सिस्टम के बीच समन्वय नहीं था। इसके बावजूद रेलवे इंजीनियरों ने सर्किट को अपडेट नहीं किया, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई।

    डीआरएम (Divisional Railway Manager) ठाणे ने मीडिया को बताया कि “यह मामला रेलवे की छवि को धूमिल करने वाला है। हमने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। दोषी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और आगे की जांच रेलवे बोर्ड के स्तर पर होगी।”

    दूसरी ओर, रेलवे इंजीनियरों के संघ ने कहा है कि इस हादसे के लिए केवल इंजीनियरों को दोषी ठहराना उचित नहीं है। यूनियन के प्रवक्ता ने कहा, “रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर अत्यधिक दबाव है। यात्रियों की संख्या क्षमता से कहीं अधिक है। अगर समय पर अपग्रेडेशन और आधुनिक उपकरण लगाए जाते, तो ऐसी घटनाएं टाली जा सकती थीं।”

    इस हादसे के बाद रेलवे ने ठाणे-कल्याण खंड में अतिरिक्त सुरक्षा ऑडिट शुरू कर दिया है। अब सभी भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर डिजिटल सिग्नलिंग सिस्टम और ऑटोमेटिक ट्रेन स्टॉप सिस्टम लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, रेल मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन को भीड़ नियंत्रण और यात्रियों के सुरक्षित चढ़ने-उतरने के लिए स्टेशन पर प्लेटफॉर्म सुरक्षा कर्मी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

    मृत यात्रियों के परिवारों को रेलवे ने मुआवजे के तौर पर प्रत्येक को ₹10 लाख और गंभीर घायलों को ₹2 लाख की सहायता राशि दी है। इसके साथ ही रेलवे ने सभी प्रभावित परिवारों को संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

    विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम रेलवे सुरक्षा सुधार के लिए एक ऐतिहासिक उदाहरण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे यह संकेत जाता है कि अब अधिकारियों की जिम्मेदारी सिर्फ रिपोर्ट तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उनकी जवाबदेही भी तय की जाएगी।

    ठाणे ट्रेन हादसा एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क, जिसे हर दिन लाखों लोग अपनी जीवनरेखा की तरह इस्तेमाल करते हैं, क्या वाकई उतना सुरक्षित है जितना दावा किया जाता है? यह कार्रवाई भले ही देर से आई हो, लेकिन यह रेल सुरक्षा व्यवस्था में जवाबदेही की नई शुरुआत साबित हो सकती है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    उत्तर प्रदेश में आज से शुरू हुआ मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), घर-घर पहुंचेंगे बीएलओ, दस्तावेज तैयार रखें

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। उत्तर प्रदेश में आज यानी 4 नवंबर 2025 से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR)…

    Continue reading
    बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान: “बनेंगे 4 डिप्टी सीएम, हर वर्ग को मिलेगा प्रतिनिधित्व”

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले राज्य की सियासत में एक बड़ा मोड़ आ गया…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *