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मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली। वैश्विक बाजारों में कमजोरी और घरेलू स्तर पर निवेशकों द्वारा की गई मुनाफावसूली के चलते बीएसई सेंसेक्स 519.42 अंक या 0.62% गिरकर 83,459.15 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 165.15 अंक या 0.64% टूटकर 25,597.65 पर बंद हुआ। इस गिरावट से निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये एक झटके में डूब गए और बाजार में निराशा का माहौल बन गया।
दिन की शुरुआत में बाजार कमजोर संकेतों के साथ खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने 84,000 के स्तर को छूने की कोशिश की थी, लेकिन मुनाफावसूली और एशियाई बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों ने इसे नीचे धकेल दिया। कारोबार के अंत तक बैंकिंग, आईटी, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला।
ब्रोकरेज हाउसों के मुताबिक, निवेशकों में फेडरल रिजर्व और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अगली मौद्रिक नीतियों को लेकर असमंजस का माहौल है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी ने भी बाजार की नकारात्मक धारणा को और गहरा कर दिया।
किन शेयरों में रही गिरावट
सेंसेक्स के 30 में से 20 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
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एचडीएफसी बैंक, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और टेक महिंद्रा जैसे दिग्गज स्टॉक्स में भारी बिकवाली देखने को मिली।
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वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, टाटा स्टील और सन फार्मा जैसे कुछ चुनिंदा शेयरों ने मामूली बढ़त बनाए रखी।
निफ्टी के प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्सों में भी गिरावट का रुख रहा। निफ्टी बैंक, निफ्टी आईटी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज और निफ्टी ऑटो सभी में 0.50% से 1% तक की गिरावट देखी गई।
मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली
छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों में भी दबाव देखने को मिला। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.75% टूटा और स्मॉलकैप इंडेक्स में करीब 0.90% की गिरावट रही। निवेशकों ने मुनाफा बुक करने के लिए इन शेयरों में बिकवाली की, जिससे पूरे बाजार का सेंटीमेंट कमजोर हो गया।
विदेशी संकेतों ने बिगाड़ी तस्वीर
वैश्विक बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों ने भारतीय बाजार की कमजोरी को और बढ़ा दिया। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 1.2% टूटा, हांगकांग का हैंगसेंग 1.5% गिरा, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स भी 0.8% नीचे बंद हुआ। अमेरिकी बाजारों के वायदा कारोबार में भी गिरावट का रुख रहा, जिससे निवेशकों में सतर्कता का भाव बढ़ गया।
निवेशकों के डूबे हजारों करोड़ रुपये
बीएसई के मार्केट कैपिटलाइजेशन में आज लगभग 2.8 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई। सोमवार के मुकाबले निवेशकों की कुल संपत्ति में यह बड़ी गिरावट चिंता का कारण बनी हुई है। ब्रोकर्स का मानना है कि बाजार में फिलहाल “करेक्शन फेज” चल रहा है, और आने वाले कुछ सत्रों तक यह उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
विशेषज्ञों की राय
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी है और इसे मुनाफावसूली के रूप में देखा जाना चाहिए। HDFC सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड दीपक जसानी के अनुसार, “निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। ग्लोबल इकोनॉमिक अनिश्चितता और ब्याज दरों को लेकर अनुमान बाजार पर दबाव बना रहे हैं। एक बार फेड और आरबीआई की नीतियां स्पष्ट हो जाएंगी, तो बाजार में स्थिरता लौटेगी।”
आगे की रणनीति क्या होनी चाहिए?
विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि निवेशक फिलहाल शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग से बचें और लार्ज कैप फंड्स व ब्लूचिप स्टॉक्स में निवेश बनाए रखें। आईटी और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में अभी गिरावट का फायदा उठाकर लंबी अवधि के लिए खरीदारी की जा सकती है।






