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कभी ठेले पर सब्जी बेचकर परिवार का गुजारा करने वाला एक आम आदमी आज करोड़पति बन चुका है। जयपुर के कोटपूतली निवासी अमित सेहरा ने पंजाब सरकार की लॉटरी में 11 करोड़ रुपये जीतकर अपनी किस्मत का पन्ना पलट दिया। इस खबर ने न केवल उनके जीवन में खुशियों की लहर ला दी, बल्कि उनके उदार निर्णय ने पूरे समाज में इंसानियत की मिसाल कायम कर दी।
अमित सेहरा का जीवन अब तक संघर्ष से भरा रहा है। रोजाना सुबह-सुबह वे सब्जियों की थैली लेकर बाजार निकलते थे, ताकि अपने परिवार का पेट भर सकें। लेकिन भाग्य ने अचानक ऐसी करवट ली कि उनका नाम अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। पंजाब सरकार की लॉटरी में 11 करोड़ रुपये की यह जीत उनके लिए एक सपना सच होने जैसी है।
खास बात यह है कि करोड़पति बनने के बाद भी अमित सेहरा का दिल वैसा ही विनम्र और दयालु बना हुआ है। उन्होंने अपनी इस जीत का एक हिस्सा समाज की भलाई के लिए समर्पित करने का फैसला किया है। उन्होंने घोषणा की है कि वे अपनी लॉटरी की रकम में से 50-50 लाख रुपये दो जरूरतमंद लड़कियों के नाम करेंगे, ताकि उनकी शिक्षा और भविष्य को बेहतर बनाया जा सके।
अमित सेहरा ने एक स्थानीय मीडिया से बातचीत में बताया कि वे हमेशा से चाहते थे कि समाज में किसी के जीवन में बदलाव लाने का मौका मिले। उन्होंने कहा, “भगवान ने मुझे अचानक इतनी बड़ी रकम दी है, तो इसका एक हिस्सा दूसरों की भलाई में लगाना मेरा कर्तव्य है। पैसे से सुख जरूर मिलता है, लेकिन सच्ची खुशी किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने में है।”
उनके इस फैसले की हर ओर सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी उदारता की प्रशंसा कर रहे हैं और उन्हें “रियल लाइफ हीरो” बता रहे हैं। कई लोगों ने यह भी कहा कि आज के समय में जब लोग पैसे के पीछे भागते हैं, ऐसे में अमित का यह कदम समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।
पंजाब लॉटरी विभाग ने भी इस जीत की आधिकारिक पुष्टि की है। विभाग के अनुसार, अमित सेहरा का टिकट सही पाया गया और सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें यह पुरस्कार राशि जल्द सौंपी जाएगी। विभाग ने बताया कि अमित जैसे आम लोगों की जीत यह दिखाती है कि लॉटरी केवल अमीरों का खेल नहीं है, बल्कि आम जन को भी अपनी किस्मत आजमाने का अवसर देती है।
अमित सेहरा की कहानी उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों में भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ते। उनकी मेहनत, सादगी और समाज के प्रति जिम्मेदारी ने इस कहानी को सिर्फ “लॉटरी जीत” से कहीं अधिक मानवीय बना दिया है। उनके इस निर्णय से यह भी साबित होता है कि सच्ची दौलत केवल बैंक बैलेंस में नहीं बल्कि दिल की समृद्धि में होती है।
उनके पड़ोसी और स्थानीय लोग भी इस खबर से बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि अमित हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं और उनके स्वभाव में कभी अहंकार नहीं दिखा। अब जबकि वे करोड़पति बन चुके हैं, उनका यह समाजसेवी कदम दिखाता है कि सच्चे अमीर वही हैं जो अपनी सफलता को दूसरों के साथ साझा करते हैं।
अंततः कहा जा सकता है कि जयपुर के इस गरीब सब्जीवाले की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। 11 करोड़ की लॉटरी जीतने के बाद भी अमित सेहरा का दिल इंसानियत से भरा है। उनके द्वारा दो लड़कियों के भविष्य के लिए किया गया यह फैसला इस बात का प्रमाण है कि अच्छाई और करुणा आज भी जिंदा है। यह कहानी न केवल किस्मत की बल्कि इंसानियत की भी जीत है।








