




नई दिल्ली,24 मई 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को ‘जानिए अपने ग्राहक’ (KYC) नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य न केवल मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम कसना है, बल्कि ग्राहकों को समय-समय पर KYC अपडेट कराने में आ रही परेशानियों को भी दूर करना है।
यह प्रस्ताव लाखों बैंक उपभोक्ताओं और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। रिजर्व बैंक के इस ड्राफ्ट सर्कुलर के अनुसार, KYC अपडेट की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।
क्यों आया यह प्रस्ताव?
RBI ने कहा कि समय-समय पर KYC अपडेट नहीं होने की वजह से कई खातों में लेन-देन अटक रहे हैं। खासतौर से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रांसफर (EBT), और प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के खातों में केवाईसी संबंधी समस्याएं सामने आ रही हैं। इन मामलों में बड़ी संख्या में ग्राहकों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उनके खाते इनएक्टिव या डॉरमेंट हो चुके हैं।
RBI ने दिए ये निर्देश:
१. बैंकों को अपने ग्राहकों को KYC अपडेट की कम से कम तीन बार अग्रिम सूचना देनी होगी।
२. बैंकों को इनएक्टिव/डॉरमेंट खातों के लिए KYC अपडेट की सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी।
३. जिन बैंकों के पास वीडियो कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस (V-CIP) की सुविधा है, उन्हें ग्राहकों के अनुरोध पर यह विकल्प देना होगा।
४. RBI ने यह भी कहा कि अधिकार प्राप्त बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (BC) की मदद से भी डॉरमेंट खातों को एक्टिवेट किया जा सकता है।
सुझाव देने की अंतिम तिथि:
RBI के इस ड्राफ्ट सर्कुलर पर 6 जून 2025 तक सभी हितधारक अपने सुझाव दे सकते हैं। इसके बाद नए नियमों को लागू किया जा सकता है।
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