




अब नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक कहलाएगा स्लाइस SFB, RBI ने दी मंजूरी, जानें ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर।
गुवाहाटी/नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (NESFB) ने अब अपना नाम बदल लिया है। अब यह स्लाइस स्मॉल फाइनेंस बैंक (स्लाइस SFB) के नाम से जाना जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 14 मई, 2025 को इसकी अधिसूचना जारी की और 16 मई को इसे भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया।
यह बदलाव ग्राहकों की बैंकिंग सेवाओं पर कोई असर नहीं डालेगा। पुराने पासबुक, चेकबुक और डेबिट कार्ड पहले की तरह मान्य रहेंगे। RBI ने स्पष्ट किया है कि जब तक बैंक खुद ग्राहकों को सूचना देकर बदलाव के लिए नहीं कहता, तब तक पुराने डॉक्यूमेंट्स चलते रहेंगे।
क्या है नाम बदलने के पीछे की वजह?
अक्टूबर 2024 में स्लाइस (Slice) नामक एक डिजिटल फाइनेंस स्टार्टअप ने NESFB के साथ मर्जर किया था। इस मर्जर के बाद ही NESFB का नाम रीब्रांडिंग प्रक्रिया के तहत बदलकर स्लाइस SFB कर दिया गया।
स्लाइस, बेंगलुरु आधारित एक आधुनिक डिजिटल फाइनेंस कंपनी है, जिसका मकसद टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के जरिए युवा ग्राहकों को बेहतर बैंकिंग अनुभव देना है। अब स्लाइस SFB एक नवाचार और क्षेत्रीय बैंकिंग का कॉम्बिनेशन बन चुका है।
पुराने पासबुक और चेकबुक को लेकर क्या करें ग्राहक?
ग्राहकों के मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि पुराने डॉक्यूमेंट्स जैसे कि पासबुक, चेकबुक और डेबिट कार्ड का क्या होगा? RBI की गाइडलाइन के अनुसार, बैंक का नाम बदलने के बाद भी ये सभी डॉक्यूमेंट्स मान्य रहते हैं, जब तक बैंक ग्राहकों को नए डॉक्यूमेंट्स लेने के लिए स्पष्ट रूप से निर्देश न दे।
क्या बदलेगा IFSC कोड या अकाउंट नंबर?
फिलहाल IFSC कोड या अकाउंट नंबर नहीं बदले हैं। बैंक यदि भविष्य में इन्हें बदलने का निर्णय लेता है, तो ग्राहकों को अग्रिम सूचना दी जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, आमतौर पर यह प्रक्रिया धीरे-धीरे की जाती है ताकि ग्राहक प्रभावित न हों।
NESFB का अब तक का सफर
NESFB की स्थापना 2011 में की गई थी और इसने पूर्वोत्तर भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाई। अब स्लाइस SFB का उद्देश्य शाखाओं का विस्तार, डिजिटल सेवा सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में फाइनेंशियल एक्सेस को और सुलभ बनाना है।
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