




आयकर विभाग की धारा 244A के तहत रिफंड पर हर महीने 0.5% ब्याज मिलता है, इस साल बढ़ी हुई डेडलाइन के कारण टैक्सपेयर्स को मिल सकता है अतिरिक्त फायदा।
नई दिल्ली: आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख बढ़ने से करदाताओं को इस बार रिफंड पर पहले से अधिक ब्याज मिलने की उम्मीद है। आयकर अधिनियम की धारा 244ए के तहत आयकर विभाग अधिक टैक्स कटौती या अग्रिम कर भुगतान पर रिफंड देते समय मासिक आधार पर 0.5% की दर से ब्याज जोड़ता है। इस साल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है।
देरी से फाइल करने पर इस बार मिल सकता है ज्यादा ब्याज
जब टैक्सपेयर अपनी ITR फाइल करता है और उसने अपनी वास्तविक देनदारी से अधिक TDS या एडवांस टैक्स जमा किया हो, तो आयकर विभाग उसे रिफंड देता है। इस बार फाइलिंग की अंतिम तारीख डेढ़ महीने आगे बढ़ा दी गई है, इसलिए जिनका रिफंड अक्टूबर या उसके बाद प्रोसेस होगा, उन्हें दो अतिरिक्त महीनों का ब्याज मिल सकता है।
इस ब्याज की गणना 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो जाती है और तब तक चलती है जब तक कि रिफंड जारी नहीं हो जाता। ऐसे में अनुमान है कि इस बार कुल ब्याज 33% तक अधिक हो सकता है।
रिफंड पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिफंड पर जो ब्याज प्राप्त होता है, वह ‘अन्य स्रोत से आय’ (Income from Other Sources) के रूप में ITR में घोषित करना अनिवार्य है। यह राशि भी आपकी कुल आय में जुड़कर टैक्स के दायरे में आती है।
विशेषज्ञों की सलाह: समय पर फाइलिंग है बेहतर विकल्प
हालांकि ब्याज मिलना एक लाभ की तरह दिख सकता है, लेकिन टैक्स विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि टैक्सपेयर को ITR फाइलिंग में देरी नहीं करनी चाहिए। यदि आप समय से पहले रिटर्न भरते हैं, तो आपका रिफंड जल्दी प्रोसेस होता है और उस पैसे को आप निवेश या अन्य आर्थिक जरूरतों में बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं।
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