




संकट में आ सकती है पूरी दुनिया, वर्ल्ड बैंक ने भारत की विकास दर को लेकर भी कही बड़ी बात।
नई दिल्ली, 11 जून 2025: वर्ल्ड बैंक की ताज़ा Global Economic Prospects रिपोर्ट के मुताबिक भारत की वित्त वर्ष 2025-26 की विकास दर 6.3% रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा अप्रैल में किए गए डाउनवर्ड रिवाइज़ के बाद स्थिर रखा गया है। वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं।
दुनियाभर में मंदी का खतरा मंडरा रहा
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की विकास दर इस वर्ष केवल 2.3% रहने की उम्मीद है — जो कि 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद सबसे कम है (यदि मंदियों को छोड़ दिया जाए)। जनवरी 2025 में यह अनुमान 2.7% था, जिसे अब घटा दिया गया है। वर्ल्ड बैंक ने चेतावनी दी है कि नीति स्पष्टता नहीं होने की स्थिति में मानव जीवन स्तर पर असर पड़ सकता है।
भारत की स्थिति: स्थिर लेकिन सतर्क
१. चौथी तिमाही (Q4 FY25) में भारत की GDP ग्रोथ 7.4% रही।
२. पूरा वित्त वर्ष FY25 में औसत विकास दर 6.5% रही, जो COVID काल के बाद सबसे धीमी है।
३. RBI ने FY26 के लिए भी 6.5% विकास दर का अनुमान जारी रखा है।
भारत-अमेरिका व्यापार: अवसर और चुनौती दोनों
भारत और अमेरिका के बीच 131.84 अरब डॉलर का व्यापार हुआ है (2024-25)। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत को इससे 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) मिला है।
भारत की मांग:
टेक्स्टाइल, चमड़ा, रत्न-जवाहरात, केमिकल्स, केले, झींगे आदि पर कम आयात शुल्क।
अमेरिका की मांग:
EVs, डेयरी, शराब, सेब, GM फसलें आदि पर ड्यूटी में राहत।
हालांकि भारत GM फसलों को लेकर सतर्क है, पर गैर-GM पशु चारा (जैसे अल्फा-अल्फा हे) के आयात को लेकर सकारात्मक है।
टैरिफ वॉर और 90 दिन की मोहलत
अमेरिका ने 2 अप्रैल को 60 देशों से आयात पर 26% तक नया टैरिफ लगाया — जिसमें भारत भी शामिल है।
10 अप्रैल को भारत के कुछ उत्पादों पर टैरिफ 90 दिनों के लिए रोका गया, जो 9 जुलाई तक लागू रहेगा।
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