




AI टेक्नोलॉजी ने काफी हद तक काम को आसान कर दिया है. आज आईटी मंत्री ने OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन के साथ लंबी चर्चा की. चर्चा के बाद उन्होंने बताया कि वे भारत के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
AI टेक्नोलॉजी ने काफी हद तक काम आसान कर दिया. इसके जरिए लोगों के कामों में तेजी आई है. हालांकि वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को कार्यालय के कंप्यूटर और अन्य उपकरणों में चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टूल एवं ऐप को डाउनलोड न करने का निर्देश दिया है. वहीं दूसरी तरफ आज केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) से मुलाकात की. उन्होंने सैम ऑल्टमैन के साथ लंबी चर्चा की और बताया कि भारत के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
मंत्री ने की मुलाकात
आईटी मंत्री ने मुलाकात करने के बाद ट्वीट करते हुए ये जानकारी दी और लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हमें प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं. सैम ऑल्टमैन ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के दूरगामी दृष्टिकोण की सराहना भी की. साथ ही लिखा कि संपूर्ण AI स्टैक - GPU, मॉडल और ऐप्स बनाने की हमारी रणनीति पर सैम के साथ बहुत बढ़िया चर्चा हुई. तीनों पर भारत के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
मुलाकात के बाद ऑल्टमैन ने कहा कि "भारत सामान्य रूप से AI के लिए, विशेष रूप से OpenAI के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण मार्केट है. इसके अलावा ये हमारा दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है. पिछले साल की तुलना में उपयोगकर्ताओं की संख्या तीन गुना बढ़ गई है. भारत देश ने AI तकनीक को अपनाया है और चिप्स से लेकर मॉडल और एप्लिकेशन तक संपूर्ण स्टैक का निर्माण कर रहा है.
उन्होंने ये भी कहा कि भारत ने जहां पर 2023 में शक्तिशाली AI मॉडल के बारे में संदेह व्यक्त किया था वहीं एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. AI मॉडल को लेकर IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नवाचार दुनिया में कहीं से भी आ सकता है, तो यह भारत से क्यों नहीं आना चाहिए.
बीते दिन मंत्री ने कहा था कि देश अब अपना सिस्टम बनाने की तैयारी में है. जो बिना किसी तरह के पक्षपात से मुक्त हो और देश की विविधता सही तौर पर दिखा सके. ऐसे में भारत सरकार 10,370 करोड़ रुपये के इंडियाएआई मिशन के हिस्से के रूप में अपना खुद का एक घरेलू बड़ा मॉडल बनाने का फैसला किया है. आने वाले दिनों में भारत फंडामेंटल AI Large Lanuage मॅाडल (short for LLM) तैयार करेगा जो चैट जीपीटी चैटबॅाट को चलाने के लिए एक करेंसी की तरह है. ये 18,693 GPU के साथ एक राष्ट्रीय कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर जो AI एप्लीकेशन बनाने में स्टार्टअप और शोधकर्ताओं का समर्थन करेगा. सरकार द्वारा समर्थित सब्सिडी जो भारत में AI कंप्यूटिंग की लागत को ₹100 प्रति घंटे ($1.16) से कम कर देगी. ये वैश्विक AI मॉडल की $2.5-$3 प्रति घंटे की लागत से काफी कम है.