




भारत में पिछले साल 100 मिलियन से ज्यादा भारतीय चैनलों ने YouTube पर बहुत सारे कंटेंट अपलोड किए हैं. जिनमें से 15,000 से ज्यादा चैनलों के सब्सक्राइबर 10 लाख से ज्यादा थे.
वीडियो शेयरिंग मंच यूट्यूब ने भारतीय ‘कंटेंट’ तैयार करने वालों, कलाकारों और मीडिया कंपनियों की वृद्धि को तेज करने के लिए 850 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश की योजना बनाई है. यूट्यूब के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नील मोहन ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में यूट्यूब ने पूरे भारत में रचनाकारों, कलाकारों और मीडिया कंपनियों को 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया है.
भारत में 850 करोड़ का निवेश करेगा यूट्यूब
पिछले साल भारत में तैयार वीडियो सामग्री (कंटेंट) को देश के बाहर के दर्शकों ने 45 अरब घंटे तक देखा. मोहन ने यहां विश्व दृश्य श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) के उद्घाटन दिवस पर आयोजित एक सत्र में कहा, ‘अगले दो साल में यूट्यूब भारतीय रचनाकारों, कलाकारों और मीडिया कंपनियों की वृद्धि में तेजी लाने के लिए 850 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगा.’
10 करोड़ से ज्यादा चैनलों ने अपलोड किए कंटेंट
उन्होंने कहा कि भारतीय ‘कंटेंट क्रिएटर’ इस बात का उदाहरण हैं कि भारत में क्या खास है और वह दुनिया के हर कोने में मौजूद दर्शकों के साथ इतिहास, संस्कृति और जुनून को साझा करने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को दुनिया भर के रचनाकारों के लिए एक प्रकाश स्तंभ बना दिया है, जो उनकी खुद की उल्लेखनीय डिजिटल उपस्थिति से स्पष्ट है.
मोहन ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी यूट्यूब पर 2.5 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर के साथ दुनिया के किसी भी शासन प्रमुख की तुलना में सबसे ज्यादा यूट्यूब फॉलोइंग रखते हैं.’ उन्होंने भारत को ‘रचनात्मक देश’ बताते हुए कहा कि पिछले साल देश के 10 करोड़ से ज्यादा चैनलों ने यूट्यूब पर ‘कंटेंट अपलोड’ किए, जिनमें से 15,000 से ज्यादा चैनलों के सब्सक्राइबर 10 लाख से ज्यादा थे.
सफल व्यवसाय बनाने में भी मिली मदद- नील मोहन
मोहन ने कहा, ‘यह कुछ महीने पहले के 11,000 चैनलों ज्यादा है. यूट्यूब ने इन रचनाकारों और अनगिनत लोगों को न सिर्फ अपने जुनून को दुनिया के साथ साझा करने में सक्षम बनाया है, बल्कि वफादार प्रशंसक और सफल व्यवसाय बनाने में भी मदद की है.’
उन्होंने कहा, ‘पिछले तीन साल में ही हमने पूरे भारत में रचनाकारों, कलाकारों और मीडिया कंपनियों को 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा भुगतान किया है.’ मोहन ने कहा कि किसी भी जगह के रचनाकार को हर जगह के दर्शकों से जोड़ने की क्षमता ने यूट्यूब को सांस्कृतिक निर्यात का एक शक्तिशाली इंजन बना दिया है, और कुछ ही देशों ने इसका भारत जितना प्रभावी लाभ उठाया है.