




ग्रेग एबेल के कंधों पर 1.2 ट्रिलियन डॉलर की विशाल कंपनी और Apple, American Express जैसे दिग्गज स्टॉक्स से लेकर बीमा, ऊर्जा, रेलवे और कंज्यूमर ब्रांड्स के स्टॉक्स की भी जिम्मेदारी है.
जब वॉरेन बफे 94 साल की उम्र में बर्कशायर हैथवे की 60वीं सालाना बैठक की आख़िरी मिनटों में खड़े हुए, तो हर कोई यही समझ रहा था कि वे हमेशा की तरह कोई निवेश सूत्र या मज़ाकिया किस्सा सुनाएंगे.
लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ कहा, जिसने सबको चौंका दिया. यहां तक कि उनके उत्तराधिकारी Greg Abel को भी इस खबर की भनक नहीं थी. बफेट ने ऐलान किया कि यह उनकी आखिरी शेयरहोल्डर्स मीटिंग होगी और अब कंपनी की बागडोर ग्रेग एबेल संभालेंगे.
एबेल के कंधे पर 29 लाख करोड़ की जिम्मेदारी
ग्रेग एबेल के कंधों पर 1.2 ट्रिलियन डॉलर की विशाल कंपनी की जिम्मेदारी है. इसके साथ ही उनके पास Apple और American Express जैसे दिग्गज स्टॉक्स से लेकर बीमा, ऊर्जा, रेलवे और कंज्यूमर ब्रांड्स के स्टॉक्स की भी जिम्मेदारी है. इसके अलावा, उन्हें विरासत में मिल रही है 350 अरब डॉलर की नकदी, भारतीय रुपये में ये करीब 29 लाख करोड़ होते हैं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर ग्रेग एबेल इन तमाम जिम्मेदारियों को कैसे उठाएंगे.
बफे का जादू और एबेल की परीक्षा
वॉरेन बफेट की जीवनी लिखने वाली ऐलिस श्रोएडर कहती हैं कि बफेट का करिश्मा अलग ही था और उसे दोहराना मुश्किल है. हालांकि, एबेल ने पहले ही अपनी काबिलियत साबित कर दी है. उन्होंने बर्कशायर की एनर्जी यूनिट को बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंचाया और कई बड़े डील्स किए. लेकिन अब उनकी असली परीक्षा होगी. दरअसल, बर्कशायर के पास विशाल निवेश पोर्टफोलियो है, जिसे संभालने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है.
4 लाख कर्मचारियों का क्या होगा?
बर्कशायर में लगभग 4 लाख कर्मचारी काम करते हैं. ऐसे में वॉरेन बफे के बाद ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या एबेल इन 4 लाख कर्मचारियों को संभाल पाएंगे. हालांकि, एबेल ने कहा है कि वह बफेट के सिद्धांतों पर ही चलेंगे. लेकिन निवेशकों के मन में कई सवाल हैं कि क्या बर्कशायर का स्टॉक बफेट के बिना भी उतना ही आकर्षक रहेगा? क्या कंपनी डिविडेंड देगी या शेयर बैक बढ़ाएगी?