




युद्ध तत्परता प्रशिक्षण का वास्तव में क्या अर्थ है? सायरन कहां बजेगा? जानें महत्वपूर्ण जानकारी…
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और इस तनावपूर्ण स्थिति में अब नया मोड़ देखने को मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष गंभीर रूप लेता दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर युद्ध की बात भी सिर उठाने लगी है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को युद्ध की तैयारियों की तर्ज पर मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं।
इस मॉक ड्रिल के दौरान युद्धकालीन उपायों का अभ्यास किया जाएगा, जिसके दौरान नागरिकों को युद्धकालीन स्थितियों और हवाई हमलों के दौरान स्वयं की और दूसरों की सुरक्षा करने के तरीके के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। चूंकि इस स्थिति में तनाव बढ़ता जा रहा है, इसलिए यह मॉक ड्रिल महाराष्ट्र में 16 स्थानों पर आयोजित की जाएगी और इसका अभ्यास कराया जाएगा।
मॉक ड्रिल कहां आयोजित की जाएगी?
यह मॉक ड्रिल मुंबई, उरण, तारापुर, ठाणे, नासिक, नागोठाणे, मनमनाड, सिन्नर, थलवैशेट, पिंपरी चिंचवड़, छत्रपति संभाजीनगर, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग में आयोजित की जाएगी।
मॉक ड्रिल में वास्तव में क्या होगा?
1. हवाई हमलों की अग्रिम चेतावनी दी जाएगी।
2. हमले के दौरान सुरक्षित स्थान पर छिपने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
3. दुश्मन को महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान करने से रोकने के लिए रात में ब्लैकआउट प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
4. यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाएंगे कि महत्वपूर्ण कारखाने दुश्मन की नजर में न आएं।
5. आम नागरिकों को बचाव कार्यों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
6. घर में पानी, भोजन और ईंधन का भंडारण कैसे किया जाए, इस पर जोर दिया जाएगा।
मॉक ड्रिल के दौरान सायरन कहां बजेगा?
1. प्रशासनिक भवन
2. सरकारी भवन
3. पुलिस मुख्यालय
4. फायर ब्रिगेड केंद्र/मुख्यालय
5. सैन्य अड्डा
6. शहर में बड़ा बाजार
7. भीड़भाड़ वाले स्थान
सायरन बजने पर आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
1. सायरन बजने पर घबराएं नहीं।
2. किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें।
3. तुरंत सुरक्षित स्थान पर शरण लें। कम से कम 5 से 10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंचें।
4. खुली जगहों से दूर रहें।
5. रेडियो, टीवी और सरकारी अलर्ट पर ध्यान दें।
6. किसी घर या सुरक्षित इमारत में प्रवेश करें।
यह मॉक ड्रिल देश भर के कुल 244 जिलों में आयोजित की जाएगी और 1971 के बाद यह पहली बार है कि देश में नागरिक सुरक्षा के उद्देश्य से इतने बड़े पैमाने पर यह कदम उठाया गया है, जिससे यह इस समय की एक बड़ी घटना है।