




पाकिस्तान को सबक सिखाना… उनका हर शब्द पाकिस्तान पर सीधा प्रहार लग रहा था। बेहद आत्मविश्वास और बुलंद आवाज… कौन हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी?
भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी शिविरों पर हमला किया और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से एक ही बार में पाकिस्तान के 9 आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर इस मानसिकता की रीढ़ को तोड़ने पर बड़ा प्रहार किया। भारतीय सेना और वायुसेना ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी, वायु सेना की ओर से विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया से बातचीत की। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अवसर पर भारतीय सेना और सरकार ने दो महिला अधिकारियों को अभियान की ब्रीफिंग की जिम्मेदारी सौंपकर महिला सशक्तिकरण का मास्टरस्ट्रोक भी चलाया।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?
कर्नल कुरैशी ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला करते समय किन बातों का ध्यान रखा गया से लेकर हमले में कौन से ठिकाने नष्ट किए गए, तक की और भी स्पष्ट जानकारी दी और यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके बयान से पाकिस्तान भी हैरान हो गया होगा।
सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं और वर्तमान में सिग्नल कोर में कार्यरत हैं। वह भारतीय सेना में सेना के ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ प्रशिक्षण अभ्यास का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। इस अभियान में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की टीमों ने भाग लिया।
कर्नल कुरैशी मूल रूप से गुजरात के हैं और उपलब्ध जानकारी के अनुसार उनके पास बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री है। वह 1999 में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में शामिल हुईं। उस समय उनकी आयु मात्र 17 वर्ष थी। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें सैन्य सेवा की विरासत अपने परिवार से मिली थी और उनके दादा भी सैन्य सेवा में थे। बताया जाता है कि सोफिका कुरैशी के पति मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में सेना अधिकारी हैं।