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    ऑपरेशन सिंदूर में इजरायली ड्रोन ने मचाई तबाही, बिना आहट किए पाकिस्तान की उड़ाई नींद।

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    ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने स्काई स्ट्राइकर आत्मघाती ड्रोनों का प्रयोग किया. जानिए इस इजरायल-निर्मित उन्नत ड्रोन की ताकत, निर्माण और युद्धभूमि में उपयोग.

    भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत बुधवार (7 मई) तड़के पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया तो इसमें एक खास हथियार की चर्चा जोरों पर रही. यह है स्काई स्ट्राइकर आत्मघाती ड्रोन. यह ड्रोन किसी सामान्य निगरानी UAV की तरह नहीं, बल्कि एक लक्ष्य साधने वाली उड़ती हुई मिसाइल की तरह काम करता है.

    इसमें लगे 5 या 10 किलोग्राम के वॉरहेड और इसकी 100 किलोमीटर की रेंज इसे बेहद खतरनाक और सटीक बनाती है. यह ड्रोन बिना किसी पायलट के दुश्मन के लक्ष्य को खोजने, ट्रैक करने और नष्ट करने में सक्षम है.

    भारत-इजरायल ने मिलकर बनाया ड्रोन
    स्काई स्ट्राइकर ड्रोन भारत में बेंगलुरु स्थित अल्फा डिजाइन और इजरायली कंपनी एल्बिट सिस्टम्स ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है. इस प्रोजेक्ट के तहत पश्चिमी बेंगलुरु के एक औद्योगिक एस्टेट में इन ड्रोनों का निर्माण किया गया. भारत सरकार ने 2021 में 100 से अधिक स्काई स्ट्राइकर्स के ऑर्डर दिए थे. यह फैसला बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद लिया गया, जब भारतीय सैन्य नीति में ड्रोन वॉरफेयर की अहमियत को पहचान मिली.

    स्काईस्ट्राइकर की प्रमुख विशेषताएं
    विशेषता विवरण
    रेंज 100 किलोमीटर तक
    वारहेड क्षमता 5 या 10 किलोग्राम
    प्रोपल्शन इलेक्ट्रिक मोटर (कम ध्वनि)
    ऑपरेशन सटीक लक्ष्य खोजने, ट्रैक करने और स्वचालित हमला
    प्रभाव लक्ष्य का तत्काल विनाश, कम कोलेटरल डैमेज
    रणनीति मूक, अदृश्य और अचानक हमला

    ये ड्रोन कम साउंड करता है. इससे ये सीक्रेट मिशन के लिए कारगर साबित होता है. यह बिना रडार में आए दुश्मन के इलाके में घुस सकता है और वहां मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट कर सकता है.

    लोइटरिंग म्यूनिशन: युद्ध का भविष्य
    स्काई स्ट्राइकर जैसे ड्रोन लोइटरिंग म्यूनिशन श्रेणी में आते हैं. यानी ये ड्रोन लक्ष्य के क्षेत्र में मंडराते हैं और सही समय पर हमला करते हैं. यह तकनीक सेंसर-टू-शूटर प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाती है, जहां एक ही प्लेटफॉर्म पर निगरानी और हमला संभव होता है. एल्बिट के अनुसार स्काई स्ट्राइकर UAV की तरह उड़ता है और मिसाइल की तरह हमला करता है. यह आधुनिक युद्ध के मैदान में सटीकता, विश्वसनीयता का प्रतीक है.

    भारतीय सेना का आधुनिकरण
    भारत सेना की तरफ से स्काईस्ट्राइकर ड्रोनों का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि भारतीय सेना अब पारंपरिक युद्ध प्रणाली से उन्नत तकनीक-आधारित रणनीतियों की ओर बढ़ रही है. आत्मघाती ड्रोनों का प्रयोग अब केवल भविष्य की कल्पना नहीं, बल्कि मौजूदा सैन्य संचालन का हिस्सा बन चुका है. यह उन आतंकी समूहों के लिए एक सख्त चेतावनी है, जो सोचते हैं कि सीमा पार सुरक्षित हैं .अब भारत उन्हें कहीं भी, कभी भी, किसी भी ऊंचाई से मार सकता है.

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