




ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और भारत को आतंकवाद से लड़ने के अधिकार का समर्थन किया. उन्होंने पाकिस्तान में पल रहे आतंकी समूहों को लेकर ब्रिटिश सरकार से कठोर रुख की मांग की.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को झकझोर दिया, बल्कि इसकी गूंज ब्रिटेन की संसद तक भी पहुंची. हालांकि, इसके बाद 6-7 मई की रात को भारतीय सेना ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK पर हमला कर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इस बीच ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलते हुए पूर्व गृह सचिव और सांसद प्रीति पटेल ने आतंकियों की बर्बरता की तीखी निंदा की और ब्रिटेन सरकार से भारत के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया.
ब्रिटिश संसद ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान में पनप रहे आतंकी समूह भारत और पश्चिमी देशों दोनों के लिए खतरा हैं और ब्रिटेन को अब इन समूहों की पहचान और कार्रवाइयों पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए. प्रीति पटेल ने कहा,”भारत को अपने बचाव के लिए उचित और आनुपातिक कदम उठाने और उन घृणित आतंकवादी ढांचों को नष्ट करने का अधिकार है.
लश्कर-ए-तैयबा का हमले की पीछे हाथ
प्रीति पटेल ने यह भी कहा कि यह हमला केवल भारत पर नहीं बल्कि वैश्विक लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी हमला है. उन्होंने ब्रिटिश सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या लश्कर-ए-तैयबा की तरफ से किए गए इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादियों का ही हाथ है और क्या सरकार इसे स्वीकार करती है.
पाकिस्तान में छिपे हैं भारत और पश्चिम के दुश्मन
पटेल ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा, “यह वही देश है जहां ओसामा बिन लादेन छिपा था और यह कोई संयोग नहीं कि आतंकवादी नेटवर्क वहां फल-फूल रहे हैं.” उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा और हमास के बीच कथित संबंधों की भी चर्चा की और पूछा कि क्या ब्रिटिश सरकार को इनके बीच के किसी प्रकार के सहयोग की जानकारी है.
ब्रिटेन भारत को दे समर्थन-पटेल
पटेल ने सरकार से यह सवाल किया कि क्या हमारी खुफिया एजेंसियां भारत के साथ संपर्क में हैं और क्या वे हमले की जांच में सहयोग कर रही हैं?” उन्होंने मांग की कि ब्रिटेन भारत को सीधा और सक्रिय समर्थन दे, ताकि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती मिल सके.