




भारत-पाक तनाव के बीच रक्षा मंत्री, DRDO चीफ डॉ. समीर कामत से मिलेंगे, जो देश की रक्षा तकनीक को मजबूती देने वाले वैज्ञानिक हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों तनाव चरम पर है. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने आतंक के अड्डों पर सीधा वार कर आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का संदेश दिया है. इस जवाबी एक्शन से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के रिहायशी इलाकों पर गोलीबारी और रॉकेट से हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने इन हमलों को मुंहतोड़ जवाब देकर एक बार फिर साबित कर दिया कि यह नया भारत है जो पहले सहता नहीं सीधा वार करता है.
इसी बीच देश की सुरक्षा और तकनीकी मजबूती को लेकर एक अहम बैठक होने जा रही है. रक्षा मंत्री जल्द ही DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात को सुरक्षा मामलों के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है.
कौन हैं डॉ. समीर वी. कामत?
डॉ. समीर कामत ने 26 अगस्त 2022 को DRDO के चेयरमैन और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी का पदभार संभाला था. उन्होंने 1985 में IIT खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में B.Tech (ऑनर्स) किया और फिर अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग में PhD पूरी की. साल 1989 में उन्होंने DRDO में साइंटिस्ट के तौर पर काम शुरू किया.
डिफेंस तकनीक में अहम योगदान
डॉ. कामत ने देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने वाले कई अत्याधुनिक डिफेंस प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई है. इनमें नौसेना के जहाजों के लिए मजबूत स्टील, एयरोइंजन के लिए टाइटेनियम और मिसाइल सिस्टम के लिए रेडोम मटेरियल शामिल हैं. इसके अलावा, वे सैनिकों और सैन्य वाहनों के लिए सुरक्षा कवच और स्टील्थ टेक्नोलॉजी पर भी काम कर चुके हैं.
उन्होंने नौसेना के लिए एंटी-टारपीडो सिस्टम, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल और फ्यूल सेल बेस्ड सबमरीन तकनीक को भी विकसित किया है. उनकी 180 से ज्यादा रिसर्च अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुकी हैं.
सम्मान और उपलब्धियां
डॉ. कामत को उनके योगदान के लिए IIT खड़गपुर का विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, इस्पात मंत्रालय का मेटलर्जिस्ट ऑफ द ईयर और DRDO का साइंटिस्ट ऑफ द ईयर पुरस्कार मिल चुका है. वे INAE और IEI के फेलो भी हैं.