




भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में 10 मई को पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए. सैटेलाइट इमेज में भारी तबाही की पुष्टि हुई है, जिसमें एयरबेस, हैंगर और रडार सिस्टम शामिल हैं.
भारतीय वायुसेना की तरफ से की गई सैन्य कार्रवाई सिर्फ जवाबी हमला नहीं थी, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से दुश्मन की क्षमताओं को कमजोर करना भी इसका मुख्य उद्देश्य था.
जवाबी कार्रवाई के पीछे भारत का स्पष्ट संदेश है आतंकवाद और सीमापार हमलों का जवाब केवल कूटनीति से नहीं, बल्कि सटीक सैन्य कार्रवाई से दिया जाएगा. इससे न केवल पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को सीधा नुकसान हुआ, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सशक्त प्रतिक्रिया की छवि भी उभरी है.
कावा स्पेस और अन्य सोर्स की तस्वीरों में हमले की भयावहता स्पष्ट दिखाई दे रही है. अटैक में भोलारी एयरबेस के हैंगर पर हमला हुआ है. रनवे के पास मलबा पड़ा है.
जैकोबाबाद एयरबेस के मुख्य एप्रन पर हुई कार्रवाई वाले हमले के बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा है.
इस्लामाबाद के पास स्थित नूर खान एयरबेस पर हुई सैन्य कार्रवाई में गोदाम को नुकसान पहुंचा है. तस्वीरों में जलते हुए ग्राउंड सपोर्ट व्हीकल्स देखे जा सकते हैं.
भारतीय सशस्त्र बलों ने रविवार को हमलों से पहले और बाद की तस्वीरें साझा की, जिसमें स्पष्ट है कि एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बना कर नष्ट किया गया. यह पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
इस्लामाबाद से सिर्फ 10 किमी की दूरी पर स्थित नूर खान एयरबेस को विशेष रूप से निशाना बनाया गया. यह एयरबेस VIP ट्रांसपोर्ट, एयर रिफ्यूलिंग और परिवहन स्क्वाड्रन के लिए अहम है.