




12 साल बाद आया बड़ा बदलाव, नए कोर्स में AI, सस्टेनेबिलिटी और ऑनर्स-मास्टर्स के साथ लचीलापन भी।
नई दिल्ली: देश के अग्रणी तकनीकी संस्थान आईआईटी दिल्ली ने अपने बीटेक प्रोग्राम में एक बड़ा बदलाव करते हुए छात्रों को राहत देने वाला नया कोर्स ढांचा पेश किया है। इस परिवर्तन के साथ संस्थान का उद्देश्य न केवल छात्रों पर से अकादमिक बोझ कम करना है, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकों और इंडस्ट्री फ्रेंडली स्किल्स से लैस करना भी है।
अब कोर्स होगा ज्यादा लचीला और प्रैक्टिकल
IIT दिल्ली के निदेशक रंगन बनर्जी ने जानकारी दी कि नया कोर्स डिजाइन छात्रों, एलुमनी और फैकल्टी के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि अब कोर्स ऐसा होगा जो “सीखते जाओ, करते जाओ” की सोच को बढ़ावा देगा।
पहले साल में हल्का सिलेबस और छोटी क्लास
नए ढांचे के अनुसार:
१. पहले साल में कोर विषयों के क्रेडिट घटाए गए हैं।
२. क्लास साइज 300 से घटाकर 150 की गई है ताकि हर छात्र को पर्सनल अटेंशन मिल सके।
३. छात्रों को धीरे-धीरे कोर्स में ढालने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई है।
तकनीक और पर्यावरण दोनों पर फोकस
१. अब छात्रों को AI आधारित टूल्स और कोड जनरेटर सिखाए जाएंगे।
२. हर छात्र को सस्टेनेबिलिटी (Environmental Sustainability) की ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि वह समाज के लिए जिम्मेदार तकनीकी समाधान तैयार कर सके।
ऑनर्स और ड्यूल डिग्री का विकल्प
नए कोर्स स्ट्रक्चर में:
१. छात्र चाहें तो बीटेक के साथ-साथ ऑनर्स कर सकते हैं।
२. तीसरे साल के बाद छात्र सीधे M.Tech में प्रवेश लेकर 5 साल में B.Tech + M.Tech की डिग्री पूरी कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से ली प्रेरणा
आईआईटी दिल्ली ने इस कोर्स को डिजाइन करते वक्त MIT, स्टैनफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे प्रमुख वैश्विक विश्वविद्यालयों के कोर्सेज का अध्ययन किया है, ताकि छात्रों को ग्लोबल स्टैंडर्ड की शिक्षा मिल सके।
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