




जियो में निवेश को बताया सबसे बड़ा रिस्क, कहा- टेक्नोलॉजी का सिर्फ यूजर नहीं, मालिक बनना है।
मुंबई, 26 जून 2025: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने पिता धीरूभाई अंबानी को याद करते हुए एक भावुक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “मेरे पिता कहते थे, इंसान खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही जाता है, लेकिन वह पीछे एक संस्था छोड़ जाता है। तुम्हें यह सुनिश्चित करना है कि रिलायंस तुम्हारे और मेरे बाद भी चले।”
मुकेश अंबानी ने यह बातें मैकिन्ज़ी एंड कंपनी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहीं। इस दौरान उन्होंने रिलायंस जियो, 5जी तकनीक और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की।
जियो में निवेश था करियर का सबसे बड़ा रिस्क: मुकेश अंबानी
मुकेश अंबानी ने बताया कि जब उन्होंने जियो में निवेश का फैसला किया, तब कई विशेषज्ञों ने कहा था कि भारत इतनी उन्नत डिजिटल टेक्नोलॉजी के लिए तैयार नहीं है।
“उस समय हम अपनी पूंजी का इस्तेमाल कर रहे थे और जियो में निवेश को लेकर कई लोग सशंकित थे। लेकिन हमें यकीन था कि अगर यह योजना सफल न भी हो, तो भी यह भारत को डिजिटल बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि रिलायंस के लिए स्केल और विज़न बेहद महत्वपूर्ण रहे हैं, इसलिए वे हमेशा बड़े निर्णय लेते आए हैं।
जियो 5G की पूरी टेक्नोलॉजी भारत में बनी
अंबानी ने बताया कि जियो 5G की पूरी संरचना—कोर नेटवर्क, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर—पूरी तरह भारत में और इन-हाउस विकसित की गई है।
“हमने केवल 20% हिस्से में एरिक्सन और नोकिया को इसलिए शामिल किया ताकि अपने सिस्टम को ग्लोबल स्टैंडर्ड पर टेस्ट कर सकें। लेकिन मैंने अपनी टीम से कहा कि तुम्हें इनसे बेहतर बनना है—and they did it!”
यूजर नहीं, टेक्नोलॉजी के मालिक बनना है: अंबानी
भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा: “मैं हमेशा कहता हूं कि हमें टेक्नोलॉजी का सिर्फ उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि उसका मालिक बनना है। हमें इनोवेटर बनना है। रिलायंस अब डीप-टेक और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बनने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रही है।”
उन्होंने बताया कि रिलायंस अब टेलीकॉम के बाद सेमीकंडक्टर्स, ग्रीन एनर्जी और एआई जैसे क्षेत्रों में भी अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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