




ब्याज दरों में बदलाव, भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी जैसे फैक्टर तय करेंगे गोल्ड का भविष्य, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ।
100% रिटर्न के बाद थमी रफ्तार, आगे क्या?
पिछले दो वर्षों में सोने की कीमतों में 100% से अधिक की तेजी देखने को मिली। अक्टूबर 2022 में जहां सोना 1630 डॉलर प्रति औंस था, वह अब 3260 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच चुका है। भारत में इसकी कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम को भी पार कर गई थी, लेकिन अब इसमें लगभग 4% की गिरावट देखी जा रही है।
तेजी क्यों आई थी?
१. रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिकी टैरिफ चिंता, मध्य-पूर्व तनाव, और सेंट्रल बैंकों की भारी खरीदारी
२. इन सबने सोने को “सुरक्षित निवेश” के रूप में मजबूत किया और कीमतें लगातार ऊपर गईं।
अब गिरावट क्यों?
१. अमेरिका में टैरिफ को लेकर चिंता कम हुई है
२. ईरान-इजरायल तनाव महज 12 दिन में शांति से खत्म
३. निवेशकों ने की मुनाफावसूली
४. सोने की कीमत 1 लाख से घटकर अब 96,180 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ गई है
क्या यह गिरावट अस्थायी है?
१. विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है।
२. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 43% सेंट्रल बैंक अगले 12 महीनों में और सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं।
३. लंबी अवधि में सोने की मांग फिर बढ़ सकती है।
ब्याज दरों में कटौती: एक और मौका?
१. अमेरिका में सितंबर 2025 से ब्याज दरें घटने की संभावना
२. 2026 तक 200–300 बेसिस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद
३. ब्याज रहित निवेशों जैसे सोने में आकर्षण बढ़ेगा
डॉलर कमजोर, सोना मजबूत
१. डॉलर इंडेक्स 100 से नीचे
२. निवेशकों का झुकाव सोने की ओर
३. बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान: 2026 तक गोल्ड $4000/औंस
निवेशकों के लिए सलाह
१. लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीद का मौका हो सकती है
२. पोर्टफोलियो का 5%–10% हिस्सा ही सोने में लगाएं
३. गिरावट के दौर में धीरे-धीरे खरीदारी करें
सोना आज भी सुरक्षित विकल्प
जब तक वैश्विक अनिश्चितता और तनाव जारी रहेंगे, सोना सुरक्षित निवेश बना रहेगा। इसकी चमक थोड़ी धीमी ज़रूर हुई है, लेकिन पूरी तरह फीकी नहीं।
ऐसी ही देश और दुनिया की बड़ी खबरों के लिए फॉलो करें: www.samacharwani.com