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    पंजाब नेशनल बैंक ने दी बड़ी राहत, अब नहीं देना होगा मिनिमम बैलेंस न रखने पर जुर्माना।

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    PNB ने 1 जुलाई 2025 से मिनिमम एवरेज बैलेंस नियम हटाया, केनरा बैंक के बाद अब करोड़ों ग्राहकों को राहत।

    करोड़ों ग्राहकों को मिली राहत
    PNB: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने देशभर के करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए यह घोषणा की है कि अब सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB) न मेंटेन करने पर कोई पेनाल्टी नहीं वसूली जाएगी। बैंक का यह नियम 1 जुलाई 2025 से लागू हो गया है।

    इस फैसले से खासतौर पर ग्रामीण इलाकों, निम्न आय वर्ग, किसानों, और महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जिन्हें अकाउंट में बैलेंस बनाए रखना अक्सर मुश्किल होता था।

    बैंक का उद्देश्य: बैंकिंग को सभी के लिए सुलभ बनाना
    PNB ने कहा कि इस फैसले का मकसद वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को बढ़ावा देना है। बैंक चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग बिना किसी चिंता के बैंकिंग सेवाओं से जुड़ें।

    बैंक ने यह भी साफ किया कि अब खाता धारकों को न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करने का दबाव नहीं रहेगा। यह कदम देश की डिजिटल और समावेशी बैंकिंग नीति को मजबूती देने के रूप में देखा जा रहा है।

    कौन-कौन से बैंक हटा चुके हैं यह नियम?
    पंजाब नेशनल बैंक से पहले, केनरा बैंक ने भी जून 2025 में यह नियम हटाने की घोषणा की थी। अब उम्मीद है कि अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी इसी दिशा में कदम उठा सकते हैं।

    बैंक मिनिमम बैलेंस का नियम क्यों लाते हैं?
    बैंक ऑपरेश्नल खर्चों को पूरा करने, ब्रांच, एटीएम, कस्टमर सर्विस और डिजिटल बैंकिंग जैसी सुविधाओं की लागत निकालने के लिए MAB नियम लागू करते हैं। लेकिन यह नियम कम आय वर्ग के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होता रहा है, जिसके चलते अब इसे धीरे-धीरे हटाया जा रहा है।

    RBI क्या कहता है?
    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, “बैंकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मिनिमम बैलेंस न होने पर लगाई गई पेनाल्टी से ग्राहक का बैलेंस नेगेटिव में न चला जाए।”

    RBI के इस गाइडलाइन का मकसद है ग्राहक की सुरक्षा और बैंकिंग प्रणाली में विश्वास को बनाए रखना।

    बैंकों की कमाई के दूसरे स्रोत
    बैंक केवल मिनिमम बैलेंस या पेनाल्टी से ही नहीं, बल्कि कई अन्य सेवाओं से भी कमाई करते हैं:
    १. SMS अलर्ट शुल्क
    २. सर्विस चार्ज
    ३. डेबिट कार्ड फीस
    ४. इंटरबैंक ट्रांजैक्शन शुल्क
    ५. FD और लोन पर ब्याज
    इसलिए, मिनिमम बैलेंस नियम हटाने से बैंक को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान नहीं होता।

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