




ब्राजील के साथ रक्षा सहयोग पर चल रही बातचीत, स्कॉर्पीन सबमरीन और एयर डिफेंस सिस्टम में भारत को मिल सकती है बड़ी कामयाबी।
India-Brazil Defence Coperation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा के दौरान आकाश मिसाइल सिस्टम समेत रक्षा सौदों को लेकर अहम चर्चाएं हो रही हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्वदेशी हथियारों की वैश्विक डिमांड बढ़ने का दावा किया है। इससे ड्रैगन के डिफेंस प्लान को भारत बड़ा झटका दे सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा (6-8 जुलाई 2025) के दौरान भारत-ब्राजील के बीच रक्षा सहयोग पर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में डिफेंस अकाउंट्स के एक अहम सम्मेलन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के स्वदेशी हथियारों की ग्लोबल डिमांड में इजाफा हुआ है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने स्वदेशी हथियारों की ताकत दिखाई, जिससे दुनियाभर में इनकी डिमांड बढ़ी है।” इस सम्मेलन में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
ब्राजील से आकाश मिसाइल डील पर चर्चा
ब्राजील, भारत के आकाश एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर बातचीत कर रहा है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में आकाश मिसाइल के प्रदर्शन के बाद ब्राजील का झुकाव भारत की ओर बढ़ा है। ब्राजील के कमांडर जनरल थॉमस मिगुएल पाएवा ने अपनी सरकार से भारत से डील करने का प्रस्ताव रखा है।
ब्राजील के पास शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम तो है, लेकिन मीडियम और लॉन्ग रेंज के लिए वह भारत के आकाश सिस्टम को पसंद कर रहा है। चीन भी अपनी ‘स्काई-ड्रैगन’ मिसाइल के जरिए इस सौदे की रेस में है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के अनुभव के बाद भारत की संभावनाएं ज्यादा मजबूत दिख रही हैं।
स्कॉर्पीन सबमरीन और एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट में साझेदारी
भारत और ब्राजील स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन के निर्माण में भी सहयोग बढ़ा सकते हैं। भारत में मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (MDL) फ्रांस के सहयोग से 6 स्कॉर्पीन सबमरीन बना रहा है और 3 और बनाने का करार जल्द होगा। इसके अलावा ब्राजील, भारतीय वायुसेना के मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (MTA) प्रोजेक्ट में भी दिलचस्पी दिखा रहा है।
ब्राजील की एम्ब्रेयर कंपनी इस प्रोजेक्ट में अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन और यूरोप की एयरबस के साथ भाग ले सकती है। इस प्रोजेक्ट से भारतीय वायुसेना के पुराने AN-32 और IL-76 विमानों की जगह आधुनिक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट लाए जाएंगे।
आर्मेनिया को भी दी जा चुकी है आकाश प्रणाली
भारत पहले ही आर्मेनिया को आकाश मिसाइल सिस्टम सप्लाई कर चुका है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने इसमें सर्विलांस रडार, गाइडेंस सिस्टम और ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट शामिल किए थे।
रक्षा बजट और पारदर्शिता पर फोकस
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश का रक्षा बजट दुनिया के कई देशों की GDP से बड़ा है, इसलिए इसका सही इस्तेमाल जरूरी है। उन्होंने ‘फेसलेस ट्रांजेक्शन’ यानी पूरी तरह पारदर्शी भुगतान प्रक्रिया पर जोर दिया ताकि सैनिकों को समय पर संसाधन मिल सकें और रक्षा खरीद में देरी न हो।
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