




कच्चे तेल की नरमी से मिली कुछ राहत, लेकिन ट्रंप के टैरिफ अलर्ट के बीच विदेशी बाजारों से दबाव जारी।
नई दिल्ली: अमेरिकी डॉलर की मजबूती के सामने भारतीय रुपया टिक नहीं पाया और हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन शुरुआत में ही 17 पैसे टूटकर 85.90 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया। इंटर बैंकिंग फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपया 85.84 पर खुला और फिर गिरकर 85.90 तक पहुंच गया।
मंगलवार को दिखी थी मजबूती, आज फिर गिरावट
मंगलवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 21 पैसे मजबूत होकर 85.73 के स्तर पर बंद हुआ था। लेकिन बुधवार को अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में 0.17% की बढ़त के साथ 97.68 के स्तर तक पहुंचने के बाद रुपये पर फिर दबाव बना।
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने रुपये को और ज्यादा गिरने से जरूर बचाया है, लेकिन वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता अभी भी रुपये के लिए जोखिम बना हुआ है।
ग्लोबल फैक्टर्स का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर्निंग का असर न केवल अमेरिकी बाजारों पर बल्कि ब्रिक्स देशों समेत भारत के शेयर बाजार और मुद्रा बाजार पर भी दिखा। ट्रंप ने तांबा पर 50% और फार्मास्युटिकल्स पर 200% तक टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है, जिससे ग्लोबल ट्रेड सेंटीमेंट प्रभावित हुआ है।
शेयर बाजार में भी गिरावट का माहौल
१. बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट देखने को मिली।
२. आईसीआईसीआई बैंक 0.88% गिरा।
३. टाटा स्टील 0.86% टूटा।
४. एचसीएल टेक्नोलॉजीज 0.76%, लार्सन एंड टर्बो 0.68%, और इन्फोसिस 0.55% फिसला।
५. हालांकि कुछ शेयरों में तेजी भी देखने को मिली:
६. एशियन पेंट्स 1.70% ऊपर।
७. हिंदुस्तान यूनिलीवर 1.01% बढ़ा।
८. मारुति सुजुकी 0.52%, टाइटन 0.41% और बजाज फाइनेंस 0.40% चढ़ा।
विशेषज्ञों की राय
जियोजित इन्वेस्टमेंट के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वीके विजय कुमार के अनुसार, “वैश्विक बाजार फिलहाल स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं और मौजूदा टैरिफ से जुड़ी चर्चाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।”
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