




गलवान के बाद एस. जयशंकर की पहली चीन यात्रा, एससीओ बैठक से पहले हान झेंग से मुलाकात ने भारत-चीन संबंधों में नई उम्मीद जगाई; पाकिस्तान पर पड़ सकता है असर।
एस. जयशंकर पहुंचे चीन, एससीओ बैठक से पहले उपराष्ट्रपति हान झेंग से हुई अहम बातचीत।
नई दिल्ली/बीजिंग, 14 जुलाई 2025: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर तीन दिवसीय चीन दौरे पर हैं, जहां उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से अहम मुलाकात की। इस दौरे को कूटनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर उस समय जब भारत-चीन संबंधों में नई ऊर्जा लाने की कोशिश की जा रही है। चीन के साथ एस. जयशंकर की मुलाकात का पाकिस्तान को करारा झटका लग सकता है, क्योंकि चीन लंबे समय से पाकिस्तान का रणनीतिक सहयोगी रहा है।
जयशंकर ने एक्स पर साझा की जानकारी
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी बीजिंग यात्रा को लेकर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा:
“आज बीजिंग पहुंचने के बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर खुशी हुई। उन्हें चीन की एससीओ अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन से अवगत कराया। द्विपक्षीय संबंधों में सुधार को लेकर भी चर्चा हुई।”
उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत में इसकी सराहना की जा रही है। इससे दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती आने की संभावना है।
एससीओ बैठक में हिस्सा लेंगे जयशंकर
विदेश मंत्री का यह दौरा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से पहले हुआ है, जो तियानजिन में आयोजित की जा रही है। इसमें एससीओ सदस्य देशों के सभी विदेश मंत्री शामिल होंगे। इस दौरान एससीओ महासचिव नुरलान येरमेकबायेव से भी उनकी मुलाकात हुई, जिसे उन्होंने बेहद सकारात्मक बताया।
गलवान झड़प के बाद पहली बार चीन पहुंचे जयशंकर
गौरतलब है कि एस. जयशंकर 2020 में हुई गलवान घाटी झड़प के बाद पहली बार चीन की आधिकारिक यात्रा पर गए हैं। यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इस मुलाकात में सीमा विवाद, व्यापारिक संबंध, कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की उम्मीद है। भारत और चीन के बीच बढ़ते संवाद से पाकिस्तान असहज हो सकता है, क्योंकि चीन उसकी प्रमुख सहयोगी रहा है।
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