




नई दिल्ली, 16 जुलाई 2025:
कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित विवादास्पद फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कोई फैसला देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी पक्ष पहले केंद्र सरकार की सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित विशेष कमिटी के सामने अपनी बात रखें। यह कमिटी 16 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे बैठक कर फिल्म की स्क्रीनिंग और सामाजिक प्रभावों पर विचार करेगी।
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अभी फिल्म की रिलीज पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा। पहले संबंधित पक्ष मंत्रालय के सामने जाकर अपनी आपत्तियां और पक्ष रखें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट ने भी कोई अंतिम विचार व्यक्त नहीं किया है, बल्कि सिनेमेटोग्राफी एक्ट की धारा 6 के तहत मामला केंद्र को भेजा है।
क्या है ‘उदयपुर फाइल्स’ विवाद?
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ जून 2022 में उदयपुर में हुई कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है। दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस ने सिर्फ इसलिए कर दी थी क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन किया था। फिल्म के निर्माताओं का दावा है कि फिल्म में इस्लाम विरोधी कुछ नहीं है, बल्कि यह एक सत्य घटना पर आधारित प्रस्तुति है।
सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए ये वकील:
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फिल्म निर्माता की ओर से: गौरव भाटिया, सैयद रिज़वान अहमद
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जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से: कपिल सिब्बल
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हत्या आरोपी मोहम्मद जावेद की ओर से: मेनका गुरुस्वामी
कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दी गईं?
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निर्माताओं का पक्ष:
फिल्म के प्रदर्शन पर रोक से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। यह एक संवेदनशील विषय है, लेकिन फिल्म इस्लाम के खिलाफ नहीं है। -
जमीयत का पक्ष:
फिल्म से सामाजिक सौहार्द को खतरा है और यह मुस्लिम समुदाय को गलत रोशनी में पेश करती है। -
जजों की टिप्पणी:
“आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सकती है, लेकिन सामाजिक नुकसान की भरपाई मुश्किल है।”
सुरक्षा की मांग भी हुई
निर्माताओं के वकीलों ने कोर्ट में बताया कि फिल्म के निर्देशक, निर्माता और कन्हैयालाल के बेटे को जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। कोर्ट ने सभी को स्थानीय पुलिस से सुरक्षा की मांग करने को कहा।