




India US Trade Talks 2025 ने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों में नई उम्मीद जगाई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच जारी व्यापार वार्ता का “सफल निष्कर्ष” सामने आएगा और इसमें “कोई कठिनाई” नहीं होगी। ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “अपने अच्छे मित्र” बताते हुए कहा कि वे आने वाले हफ्तों में उनसे बातचीत करने के इच्छुक हैं।
मोदी का जवाब: “सीमाहीन संभावनाओं वाले रिश्ते”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रम्प की सकारात्मक टिप्पणियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी असीम संभावनाओं से भरी है और चल रही वार्ताएँ इन संभावनाओं को हकीकत में बदलेंगी। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा कि दोनों देश “करीबी मित्र और प्राकृतिक साझेदार” हैं और वे ट्रम्प से जल्द बातचीत करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि: हालिया तनाव और टैरिफ विवाद
पिछले कुछ महीनों में भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव देखने को मिला। ट्रम्प प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक टैरिफ लगा दिया था, जिसमें 25% अतिरिक्त शुल्क भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण लगाया गया। भारत ने इन कदमों को “अनुचित और अन्यायपूर्ण” करार दिया था।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रियायती दरों पर रूसी तेल खरीदा, जिसे पश्चिमी देशों ने नकारात्मक रूप से देखा। ट्रम्प ने इस पर “निराशा” जताई, लेकिन साथ ही मोदी को “महान प्रधानमंत्री” और “अच्छा दोस्त” कहा।
रिश्तों में नया मोड़
हालांकि तनाव बढ़ा था, लेकिन हाल के दिनों में ट्रम्प के बयानों ने रिश्तों में नरमी लाई है। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हैं। बीच-बीच में तनाव आता है, लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।”
मोदी ने भी जवाब में कहा कि वे ट्रम्प की टिप्पणियों की सराहना करते हैं और रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत-अमेरिका साझेदारी की अहमियत
भारत और अमेरिका के बीच संबंध सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये रणनीतिक, तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्र में भी गहरे होते जा रहे हैं।
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दोनों देशों की Comprehensive Global Strategic Partnership है।
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रक्षा, तकनीक, ऊर्जा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ रहा है।
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वर्तमान वार्ता अगर सफल होती है तो यह दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए बड़ा सकारात्मक कदम होगा।
India US Trade Talks 2025 ने यह दिखा दिया है कि दोनों देशों के रिश्ते अस्थायी तनावों से ऊपर उठकर आगे बढ़ सकते हैं। ट्रम्प और मोदी दोनों ने यह संदेश दिया है कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी “विश्वास और मित्रता” पर आधारित है, न कि केवल टैरिफ़ और विवादों पर। आने वाले हफ्तों में होने वाली उनकी बातचीत से यह उम्मीद की जा रही है कि यह रिश्ते और मज़बूत होंगे और दोनों देशों की जनता को आर्थिक व रणनीतिक लाभ मिलेगा।