




राजधानी दिल्ली में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने और उनके प्रबंधन के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अगले दो वर्षों में करीब 10 लाख स्ट्रीट डॉग्स को माइक्रोचिप लगाया जाएगा।
यह माइक्रोचिपिंग अभियान का उद्देश्य कुत्तों की पहचान करना, उनके टीकाकरण और नसबंदी रिकॉर्ड को ट्रैक करना और पालतू व आवारा कुत्तों में अंतर को स्पष्ट करना है।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि माइक्रोचिप के जरिए हर कुत्ते की जानकारी डिजिटल डेटाबेस में उपलब्ध होगी। इससे न सिर्फ रेबीज़ नियंत्रण में मदद मिलेगी बल्कि शिकायतों और दुर्घटनाओं के मामलों में भी त्वरित कार्रवाई संभव होगी।
पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस पहल का स्वागत किया है और कहा है कि यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया तो यह दिल्ली में पशु कल्याण और सार्वजनिक सुरक्षा दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।