• Create News
  • Nominate Now

    आंध्र प्रदेश की झींगा मछली निर्यात पर संकट: ट्रंप टैरिफ का भारी असर, करोड़ों का नुकसान

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    आंध्र प्रदेश, जिसे भारत का “Shrimp Hub” कहा जाता है, इस समय बड़े संकट से गुजर रहा है। अमेरिका द्वारा भारतीय समुद्री खाद्य उत्पादों, खासकर झींगा (Shrimp) पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले ने राज्य की अर्थव्यवस्था को हिला दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों का सीधा असर यहां के किसानों, प्रोसेसिंग कंपनियों और निर्यातकों पर पड़ा है।

    🔹 अमेरिका सबसे बड़ा बाजार

    भारत दुनिया का सबसे बड़ा झींगा निर्यातक है, और आंध्र प्रदेश इसमें सबसे ज्यादा योगदान देता है।

    • भारत से कुल झींगा निर्यात का लगभग 45-50% हिस्सा अमेरिका को जाता है।

    • अमेरिका में समुद्री भोजन की बढ़ती मांग ने पिछले एक दशक में आंध्र प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी कर दी थी।

    • लेकिन अब टैरिफ बढ़ने से भारतीय झींगा की कीमतें वहां महंगी हो गई हैं, जिससे अमेरिकी खरीदार अन्य देशों जैसे वियतनाम, इक्वाडोर और इंडोनेशिया की ओर रुख कर रहे हैं।

    🔹 कितना हुआ नुकसान?

    सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI) के मुताबिक:

    • 2024-25 में भारत ने करीब 70,000 करोड़ रुपये का समुद्री उत्पाद निर्यात किया।

    • इसमें आंध्र प्रदेश का हिस्सा लगभग 60% रहा।

    • नए टैरिफ लागू होने के बाद सिर्फ आंध्र प्रदेश को ही हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

    • छोटे किसान और मध्यम स्तर के निर्यातक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

    🔹 किसानों की परेशानी

    आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में हजारों परिवार झींगा पालन से जुड़े हैं।

    • किसानों का कहना है कि उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है।

    • फ़ीड, बिजली और लेबर पर खर्च ज्यादा है, लेकिन निर्यात दाम गिर रहे हैं।

    • कई किसानों ने कहा कि अगर यह स्थिति बनी रही, तो उन्हें अपने तालाबों में झींगा पालन बंद करना पड़ सकता है।

    एक किसान ने कहा:

    “हमारी सारी उम्मीदें अमेरिका के बाजार से जुड़ी थीं। टैरिफ बढ़ने से हमारा माल बिक ही नहीं पा रहा है। कई बार तैयार माल गोदामों में ही सड़ने की नौबत आ जाती है।”

    🔹 निर्यातकों की चिंता

    निर्यातक कंपनियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा बहुत कड़ी है।

    • वियतनाम और इक्वाडोर जैसे देश झींगा सस्ता बेच रहे हैं।

    • भारतीय झींगा महंगा होने से अमेरिकी सुपरमार्केट और रेस्तरां वहां से खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

    • इसका सीधा असर आंध्र की इकॉनमी और रोजगार पर पड़ रहा है।

    🔹 भारत-अमेरिका व्यापार तनाव

    ट्रंप सरकार पहले भी भारत पर ट्रेड बैलेंस का दबाव डालती रही है।

    • अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाजार अमेरिकी उत्पादों के लिए खोले।

    • विशेषज्ञों का कहना है कि यह टैरिफ सिर्फ व्यापारिक नहीं बल्कि राजनीतिक कदम भी है।

    • इसका मकसद अमेरिकी किसानों और उद्योगों को फायदा पहुंचाना है।

    🔹 सरकार की कोशिशें

    भारतीय सरकार इस मुद्दे को अमेरिका के साथ उठाने की तैयारी कर रही है।

    • वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत WTO के नियमों के तहत अपनी आपत्ति दर्ज करेगा।

    • आंध्र प्रदेश सरकार ने भी केंद्र से मांग की है कि किसानों और निर्यातकों को राहत देने के लिए सब्सिडी और वित्तीय पैकेज दिया जाए।

    • विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि भारत को अमेरिका पर निर्भरता घटाकर यूरोप, जापान और मिडल ईस्ट में नए बाजार तलाशने होंगे।

    आंध्र प्रदेश के झींगा निर्यात पर ट्रंप टैरिफ का असर सीधा किसानों और निर्यातकों की रोज़ी-रोटी पर पड़ा है। यह संकट केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका का सवाल है।

    अब सवाल यह है कि क्या भारत अमेरिका के साथ इस मुद्दे को सुलझा पाएगा या फिर आंध्र के किसान और निर्यातक लंबे समय तक नुकसान झेलने के लिए मजबूर होंगे।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    चुनावों से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव — कई राज्यों में बदले ‘रणनीतिक योद्धा’, वार रूम की कमान नए नेताओं को

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अपनी चुनावी रणनीति को नया आकार देने की दिशा…

    Continue reading
    प्रधानमंत्री मोदी ने रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि, कहा—वंचितों और शोषितों के कल्याण के प्रतीक थे

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *