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    डिजिटल इंडिया से ‘वोकल फॉर लोकल’ तक: पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था में आए ऐतिहासिक बदलाव

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत ने पिछले दशक में न सिर्फ राजनीतिक और सामाजिक मोर्चे पर बल्कि आर्थिक और व्यावसायिक क्षेत्र में भी ऐतिहासिक बदलाव देखे हैं। खासकर डिजिटल पेमेंट्स, यूपीआई (UPI) क्रांति और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों ने भारत की अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं की आदतों में बड़ा बदलाव लाया है।

     डिजिटल पेमेंट्स और UPI की क्रांति

    आज से 10 साल पहले तक जहां ज्यादातर लोग नकद लेन-देन पर निर्भर थे, वहीं आज भारत डिजिटल पेमेंट्स का वैश्विक लीडर बन चुका है।

    • UPI (Unified Payments Interface) ने लेन-देन को आसान, तेज और सुरक्षित बना दिया।

    • 2025 तक UPI के जरिए रोजाना करोड़ों ट्रांजैक्शन हो रहे हैं।

    • RBI के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में डिजिटल पेमेंट्स का मार्केट हर साल 20% से ज्यादा की दर से बढ़ रहा है।

    यूपीआई ने न सिर्फ शहरी इलाकों बल्कि ग्रामीण भारत को भी जोड़ने का काम किया। सब्जी बेचने वाले छोटे दुकानदार से लेकर बड़े उद्योगपति तक, हर कोई अब QR कोड और मोबाइल पेमेंट्स का इस्तेमाल कर रहा है।

     ‘वोकल फॉर लोकल’ से व्यापार में नई ऊर्जा

    पीएम मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा देकर देशी उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की।

    • छोटे कारीगर, MSME सेक्टर और स्टार्टअप्स को इससे नया सहारा मिला।

    • लोकल उत्पादों को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने के लिए सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और एक्सपोर्ट पॉलिसी को आसान बनाया।

    • आयात पर निर्भरता कम करने और ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती देने में इस अभियान ने अहम योगदान दिया।

    आज भारत में बने मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े और हर्बल प्रोडक्ट्स न सिर्फ घरेलू बाजार बल्कि विदेशों में भी अपनी मजबूत पहचान बना रहे हैं।

    स्टार्टअप और इनोवेशन का बढ़ता इकोसिस्टम

    डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों ने युवाओं को नई दिशा दी।

    • भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है।

    • सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना, फंडिंग सपोर्ट और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर खास ध्यान दिया।

    • Zomato, Paytm, Byju’s जैसी कंपनियाँ इसी क्रांति की देन हैं।

    अर्थव्यवस्था पर असर

    • कैशलेस इकोनॉमी: नोटबंदी और डिजिटल इंडिया के बाद नकद पर निर्भरता काफी कम हुई।

    • टैक्स कलेक्शन में वृद्धि: जीएसटी और डिजिटल लेन-देन से सरकार की कमाई बढ़ी।

    • निवेशकों का भरोसा: भारत अब विदेशी निवेश के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन बन चुका है।

     विशेषज्ञों की राय

    आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी सरकार की नीतियों ने भारत को नई रफ्तार दी है।

    • डॉ. अरविंद सुब्रमण्यम (पूर्व आर्थिक सलाहकार): “डिजिटल पेमेंट्स और वोकल फॉर लोकल ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई पहचान दी है।”

    • वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि यदि यही रफ्तार जारी रही तो भारत जल्द ही $5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।

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