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    साइबर फ्रॉड के शिकार हैं आप? झारखंड सरकार की नई पहल से मिलेगा तुरंत मुआवजा और दोषियों पर जुर्माना

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    झारखंड सरकार ने साइबर फ्रॉड के मामलों को रोकने और पीड़ितों को राहत देने के लिए नई पहल की घोषणा की है। इस पहल के तहत साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों को कंपंसेशन मिलेगा, जबकि ठगी के जिम्मेदार लोगों पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने इस योजना को तुरंत प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम झारखंड में ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

    योजना का उद्देश्य

    झारखंड सरकार की नई पहल का मुख्य उद्देश्य है:

    1. साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों को त्वरित कंपनसेशन उपलब्ध कराना।

    2. अपराधियों को सजा और जुर्माना देना ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों की घटनाएँ कम हों।

    3. साइबर सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाना और लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना।

    सरकारी अधिकारियों का कहना है कि योजना से पीड़ितों को आर्थिक नुकसान से राहत मिलेगी और साइबर अपराधियों पर सख्त संदेश जाएगा।

    कंपनसेशन कैसे मिलेगा

    • साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

    • आवेदन में घटना की जानकारी, ठगी की राशि और संबंधित दस्तावेज़ जैसे बैंक स्टेटमेंट, FIR या पुलिस शिकायत जोड़ना अनिवार्य होगा।

    • जांच के बाद, दोषी पाए जाने पर पीड़ित को मुआवजा दिया जाएगा।

    सरकारी अधिकारी ने बताया कि योजना का लाभ सभी प्रकार के साइबर फ्रॉड जैसे ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी, UPI स्कैम, ई-कॉमर्स धोखाधड़ी और सोशल मीडिया फ्रॉड में मिलेगा।

    अपराधियों पर कार्रवाई

    झारखंड सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना केवल पीड़ितों के लिए राहत नहीं है, बल्कि अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने का माध्यम भी है।

    • जांच में दोषी पाए जाने पर अपराधियों पर कड़ी सजा और फाइन लागू किया जाएगा।

    • फाइन की राशि अपराध की गंभीरता और ठगी की रकम के अनुसार तय की जाएगी।

    • योजना के तहत पुलिस और साइबर सेल की मदद से अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।

    साइबर क्राइम के बढ़ते मामले

    भारत में हर साल लाखों लोग साइबर फ्रॉड का शिकार होते हैं। झारखंड में भी डिजिटल लेनदेन के बढ़ने के कारण ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

    • हाल के आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में झारखंड में साइबर फ्रॉड के मामले 30% बढ़े हैं।

    • बैंकिंग और ऑनलाइन भुगतान प्लेटफॉर्म पर होने वाली ठगी के मामलों में वृद्धि देखी गई है।

    सरकार की नई पहल इस बढ़ते खतरे को रोकने और पीड़ितों को राहत देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    विशेषज्ञों की राय

    साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. अंशुल सिंह ने कहा:

    “झारखंड सरकार की यह पहल देश में साइबर फ्रॉड के खिलाफ एक मिसाल बनेगी। इससे लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में जल्दी मदद ले सकेंगे और अपराधियों पर अंकुश लगेगा।”

    विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस योजना के साथ-साथ लोगों में ऑनलाइन सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।

    नागरिकों के लिए सलाह

    सरकार और साइबर सेल ने नागरिकों से आग्रह किया है कि:

    • कभी भी व्यक्तिगत बैंक या UPI डिटेल्स साझा न करें।

    • अज्ञात लिंक या ईमेल से आने वाले संदेशों पर क्लिक न करें।

    • साइबर फ्रॉड की घटना होने पर तुरंत पुलिस और साइबर सेल को सूचित करें।

    इस प्रकार, जागरूकता और सरकार की योजना मिलकर साइबर क्राइम को कम करने में मदद करेगी।

    झारखंड सरकार की नई पहल साइबर फ्रॉड पीड़ितों के लिए राहत और अपराधियों के लिए चेतावनी दोनों का कार्य करेगी। यह कदम न केवल पीड़ितों को आर्थिक नुकसान से राहत देगा, बल्कि साइबर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।

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