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मशहूर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने हाल ही में एक साक्षात्कार में बयान दिया, जिसने फिल्म उद्योग में हलचल मचा दी है। कश्यप ने स्पष्ट कहा कि यदि कोई स्टार अभिनेता उनके साथ फिल्म में काम करना चाहता है, तो उसे अपने स्टारडम को घर पर छोड़कर सेट पर आना होगा।
अनुराग कश्यप की फिल्मों में असली अभिनय
अनुराग कश्यप की फिल्मों को उनके रियलिस्टिक और जटिल किरदारों के लिए जाना जाता है। चाहे ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ हो या ‘उड़ता पंजाब’, कश्यप ने हमेशा अभिनय में ईमानदारी और गहराई को महत्व दिया है। उनके अनुसार, स्टारडम और रियलिज़्म एक साथ काम नहीं कर सकते।
कश्यप ने कहा, “जब मैं किसी कलाकार के साथ काम करता हूँ, तो मैं चाहता हूँ कि वह पूरी तरह से अपने किरदार में डूब जाए। अगर कोई केवल अपनी लोकप्रियता दिखाने आया है, तो फिल्म का अनुभव अधूरा रहेगा।”
स्टार्स के लिए चुनौती
अनुराग कश्यप का यह बयान बॉलीवुड के कई स्टार्स के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि सेट पर स्टारडम दिखाना और कैमरे के सामने किरदार में उतरना अलग चीज़ें हैं। उन्होंने बताया कि कई बार बड़े स्टार्स अपने अभिनय में पूरी तरह समर्पित नहीं रहते, जिससे फिल्म का प्रभाव कमजोर पड़ता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बयान दर्शाता है कि कश्यप की प्राथमिकता हमेशा कहानी और किरदार पर रही है। वे मानते हैं कि फिल्म का असली मूल्य उसके किरदार, निर्देशन और कहानी में है, न कि केवल स्टारडम में।
पिछले अनुभव और उदाहरण
अनुराग कश्यप ने यह भी बताया कि कुछ कलाकार उनके साथ काम करने आए लेकिन उन्होंने स्टारडम को पीछे नहीं छोड़ा। इसके कारण सेट पर कई बार संघर्ष और असहमति हुई। उन्होंने कहा, “मैं किसी भी फिल्म में ऐसे कलाकार के साथ काम नहीं कर सकता जो केवल अपनी प्रसिद्धि का लाभ उठाना चाहता है। अभिनय में समर्पण सबसे महत्वपूर्ण है।”
उनकी फिल्मों में यह नीति हमेशा दिखती रही है। कई युवा कलाकार जिन्होंने उनके साथ काम किया है, वे खुद को पूरी तरह से किरदार में डुबोकर काम करते हैं और यही कारण है कि कश्यप की फिल्में समीक्षकों और दर्शकों दोनों के बीच प्रशंसा पाती हैं।
कलाकारों और उद्योग की प्रतिक्रिया
अनुराग कश्यप के इस बयान के बाद बॉलीवुड में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं। कुछ कलाकारों ने उनकी ईमानदार और कठोर सोच की सराहना की, जबकि कुछ ने इसे चुनौतीपूर्ण माना।
विशेषज्ञों का कहना है कि कश्यप का दृष्टिकोण दर्शाता है कि फिल्म निर्माण में केवल स्टारडम पर्याप्त नहीं है। कहानी, किरदार और निर्देशन का महत्व हमेशा सर्वोपरि होना चाहिए।
अनुराग कश्यप का यह बयान बॉलीवुड के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि किरदार और कहानी हमेशा स्टारडम से ऊपर हैं। अगर कोई अभिनेता उनके साथ काम करना चाहता है, तो उसे सेट पर अपनी लोकप्रियता छोड़कर केवल किरदार और कहानी पर ध्यान देना होगा।
यह दृष्टिकोण भारतीय सिनेमा में अभिनय और निर्देशन के महत्व को दर्शाता है। फिल्म निर्माता और कलाकार दोनों को समझना होगा कि कहानी और किरदार का महत्व किसी भी फिल्म की सफलता के लिए अनिवार्य है।
अनुराग कश्यप की इस स्पष्ट और साहसिक नीति ने उन्हें बॉलीवुड में एक अलग पहचान दिलाई है। उनके अनुसार, अगर कलाकार अपनी प्रसिद्धि को पीछे छोड़कर अभिनय में पूरी तरह समर्पित होते हैं, तभी फिल्म दर्शकों और समीक्षकों दोनों को प्रभावित कर सकती है।








