




सितंबर का महीना खत्म होने को है, लेकिन बारिश का प्रकोप अब भी जारी है। भारत के कई हिस्सों में मानसून ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। विशेषकर कोलकाता (पश्चिम बंगाल), महाराष्ट्र और तेलंगाना में पिछले 48 घंटों से भारी बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी तेज बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी दी है।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं।
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कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया है।
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सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें और ट्रैफिक जाम ने लोगों को परेशान कर रखा है।
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स्कूल-कॉलेजों तक पहुंचने में छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
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नगर निगम ने पंपिंग स्टेशनों को सक्रिय कर जलभराव हटाने की कोशिशें तेज की हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, कोलकाता और आसपास के जिलों में अगले 48 घंटों तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
महाराष्ट्र के कई जिलों में मानसूनी बारिश ने तबाही मचाई है।
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मुंबई, ठाणे और पालघर में लगातार बारिश से रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है।
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विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में किसानों की फसलें पानी में डूब गईं।
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नदियों और बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ने पर प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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पुणे और नागपुर में भी रुक-रुक कर तेज बौछारें हो रही हैं।
मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के 10 से अधिक जिलों में ऑरेंज अलर्ट और कुछ संवेदनशील इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है।
तेलंगाना में बारिश से हालात और खराब हैं।
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राजधानी हैदराबाद और करीमनगर, निजामाबाद जैसे जिलों में भारी बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
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कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं।
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कुछ जगहों पर नालों और तालाबों का पानी सड़कों पर बहने लगा है।
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प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए आपदा प्रबंधन दल तैनात किए हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि तेलंगाना में अगले दो दिनों तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने साफ किया है कि इस बार मानसून की वापसी में देरी हुई है, जिस वजह से सितंबर के आखिर तक तेज बारिश देखने को मिल रही है।
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बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने लो-प्रेशर एरिया की वजह से मौसम में यह बदलाव आया है।
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कोलकाता, महाराष्ट्र और तेलंगाना के अलावा ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
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यात्रियों से अपील की गई है कि यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें।
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बारिश की वजह से रोज़मर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
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कोलकाता में ऑफिस जाने वालों को जलभराव और ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ा।
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महाराष्ट्र में किसानों को फसलों की बर्बादी का डर सता रहा है।
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तेलंगाना में लोग बाढ़ जैसे हालात की वजह से घरों में ही कैद होकर रह गए हैं।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को डेंगू, मलेरिया और जलजनित बीमारियों से सावधान रहने की सलाह दी है।
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कोलकाता नगर निगम ने अतिरिक्त पंपिंग स्टेशन सक्रिय किए हैं।
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महाराष्ट्र में प्रशासन ने राहत शिविर बनाए हैं और नदी किनारे के इलाकों में गश्त बढ़ाई है।
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तेलंगाना में NDRF और SDRF की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
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सभी राज्यों में स्कूल-कॉलेज बंद करने और गैर-जरूरी यात्रा टालने की अपील की गई है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार का मानसून अनियमित और अप्रत्याशित रहा है।
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जून और जुलाई में जहां कई राज्यों को सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा, वहीं अगस्त और सितंबर में अत्यधिक बारिश हुई।
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विशेषज्ञों के मुताबिक, मौसम में यह बदलाव ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का परिणाम है।
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अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले समय में भारत को कृषि, शहरी विकास और स्वास्थ्य से जुड़े नए चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
कोलकाता, महाराष्ट्र और तेलंगाना में जारी बारिश ने साफ कर दिया है कि सितंबर का आखिरी हफ्ता लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।
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एक तरफ किसानों को फसल बर्बादी की चिंता है, तो दूसरी ओर शहरी इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया है।
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मौसम विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
लोगों को सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।