




यूपी के अलीगढ़ में दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ। दिल्ली-कानपुर हाईवे पर हुई इस दुर्घटना में चार दोस्तों समेत पांच लोग जलकर मौत के मुंह में समा गए। हादसे की सबसे दुखद बात यह है कि कार, जिसमें यह दोस्त सवार थे, चंदे से खरीदकर लाए गए थे।
पांचवें साथी ने घटना का पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि “हम दोस्त छुट्टियों का आनंद लेने के लिए अलीगढ़ घूमने आए थे। कार नई थी और सभी खुश थे, लेकिन अचानक सब खत्म हो गया। सड़क पर कैंटर के साथ जोरदार टकराव के बाद कार और कैंटर में आग लग गई। हमने पूरी कोशिश की, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि चार दोस्त और एक अन्य यात्री झुलस गए।”
स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। पुलिस ने बताया कि हादसे में शामिल कार तेज रफ्तार में थी और ब्रेक फेल होने के कारण हादसा हुआ। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि दुर्घटना के समय हाईवे पर और भी कई वाहन मौजूद थे, लेकिन सभी सुरक्षित रहे।
हादसे में मृतकों के परिवारों में मातम का माहौल है। दोस्तों ने चंदे से कार खरीदी थी, जो अब उनके लिए मौत का कारण बन गई। पांचवें साथी की हालत मानसिक रूप से बेहद कमजोर है और उसने बताया कि हादसे के समय वह कार में नहीं था, इसी वजह से बच गया।
दमकल विभाग के अधिकारी ने कहा, “हमने आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की। हादसे का दृश्य बेहद भयानक था। यह हादसा सड़क सुरक्षा और वाहन की गति पर नियंत्रण की अहमियत को दर्शाता है।”
स्थानीय प्रशासन ने हाईवे पर यातायात बढ़ते ही सुरक्षा उपाय सख्त कर दिए हैं। पुलिस ने सभी वाहन चालकों को चेतावनी दी है कि वे गति सीमा का पालन करें और सावधानी बरतें।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में सड़क हादसों के पीछे तेज रफ्तार, लापरवाही और सड़क की खराब स्थिति मुख्य कारण हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए नियमों का पालन, वाहन में सीट बेल्ट पहनना और नियमित वाहन जांच जरूरी है।
अलीगढ़ में हुई इस दर्दनाक दुर्घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है। चार दोस्तों और एक अन्य यात्री की जलकर मौत न केवल उनके परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए चेतावनी भी है कि तेज रफ्तार और लापरवाही किस हद तक जानलेवा हो सकती है। प्रशासन और नागरिकों को मिलकर ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।