




संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में फैज़ा रिफात ने पाकिस्तान के वैश्विक आतंकवाद में हस्तक्षेप और उसकी आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका को उजागर किया। मुंबई से लेकर पहलगाम तक की यात्रा ने फैज़ा रिफात को वैश्विक मंच पर यह संदेश देने का अवसर दिया कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है।
फैज़ा रिफात ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि आतंकवाद केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहता। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा शरण दिए गए आतंकवादी समूहों और उनकी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों को विस्तार से बताया। रिफात ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के कुछ तत्व सैन्य और राजनीतिक संरक्षण के तहत आतंकवादी नेटवर्क को संचालित कर रहे हैं।
UNHRC में फैज़ा ने खासकर उन देशों को चेतावनी दी, जो पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा और आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने होंगे। फैज़ा ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की गतिविधियों के कारण केवल क्षेत्रीय सुरक्षा ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता भी खतरे में है।
उनके भाषण ने कई सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का ध्यान खींचा। रिफात ने पाकिस्तान के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों, हथियार आपूर्ति नेटवर्क और कट्टरपंथी समूहों के समर्थन को दर्शाते हुए तथ्यों और आंकड़ों के माध्यम से मंच पर अपनी बात रखी। फैज़ा ने कहा कि “यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो आतंकवाद की जड़ें और मजबूत होंगी और वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा होगा।”
फैज़ा रिफात ने भारत में आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों जैसे जम्मू-कश्मीर का उदाहरण भी पेश किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों ने वहां के नागरिकों की सुरक्षा और जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। रिफात के भाषण में यह भी उजागर किया गया कि आतंकवाद केवल सैनिक संघर्ष नहीं है, बल्कि यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी माध्यम बन गया है।
UNHRC में फैज़ा रिफात के भाषण के बाद कई देशों ने पाकिस्तान के आतंकवाद में हस्तक्षेप को लेकर चर्चा की और वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर फैज़ा रिफात ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दमन और सहयोग आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
फैज़ा रिफात का UNHRC में भाषण न केवल पाकिस्तान के आतंकवाद में हस्तक्षेप को उजागर करता है, बल्कि यह वैश्विक समुदाय को चेतावनी भी देता है कि आतंकवाद अब केवल एक क्षेत्रीय चुनौती नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर खतरा बन चुका है। फैज़ा रिफात की यह पहल दर्शाती है कि भारत और वैश्विक समुदाय मिलकर आतंकवाद और उसके संरक्षकों के खिलाफ ठोस कदम उठा सकते हैं।