




लेह-लद्दाख: लद्दाख में राज्यhood की मांग को लेकर सोमवार को प्रदर्शन हिंसक रूप धारण कर गया। प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें कई लोग चोटिल हुए। इस आंदोलन के केंद्र में लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरणविद और शिक्षाविद सोनम वांगचुक हैं, जो अब तक लगातार 15 दिन से भूख हड़ताल पर हैं।
लेह के मुख्य बाजार और प्रशासनिक भवन के आसपास बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए। सोनम वांगचुक के नेतृत्व में यह आंदोलन लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग पर केंद्रित था। शुरुआत में प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा बनाए रखने के लिए रोकने का प्रयास किया। तनाव बढ़ने पर कुछ प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच भिड़ंत और धक्का-मुक्की हुई।
सोनम वांगचुक ने कहा, “हमारी मांग सिर्फ प्रशासनिक नहीं है। यह हमारी पहचान, हमारे अधिकार और हमारे बच्चों के भविष्य की लड़ाई है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।”
स्थानीय लोग और राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आंदोलन लद्दाख की राजनीतिक और सामाजिक जरूरतों को उजागर करता है। राज्यhood मिलने से क्षेत्र में आर्थिक विकास, रोजगार और प्रशासनिक शक्ति बढ़ सकती है। वहीं, बार-बार प्रदर्शन और झड़पें स्थानीय शांति और पर्यटन पर असर डालने की संभावना भी जताई जा रही है।
सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल ने स्थानीय युवाओं और छात्रों को भी आंदोलन में शामिल किया है। सोशल मीडिया पर उनका समर्थन लगातार बढ़ रहा है, जिससे यह आंदोलन और तेज हो गया है। केंद्र सरकार और राजनीतिक दलों ने अभी इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
लेह-लद्दाख में यह आंदोलन राज्यhood की मांग को लेकर एक नई राजनीतिक और सामाजिक लहर पैदा कर रहा है। सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल और युवा प्रदर्शनकारियों की भागीदारी इसे और अधिक सक्रिय बना रही है। आगामी दिनों में सरकार की प्रतिक्रिया इस आंदोलन की दिशा तय करेगी।