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    UNHRC में भारत का पाकिस्तान पर करारा प्रहार: “आतंकवाद छोड़ो, अर्थव्यवस्था और अवैध कब्जे पर ध्यान दो”

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    संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत ने पाकिस्तान को उसके दोहरे रवैये और आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति पर कड़ा जवाब दिया है। भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस्लामाबाद को आतंकवादियों को पनाह देने और अपने ही नागरिकों पर बम बरसाने के बजाय अपनी गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।

    भारत ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने आ चुका है। एक ओर वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मानवाधिकारों की बात करता है, वहीं दूसरी ओर अपने ही नागरिकों, खासकर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के लोगों पर अत्याचार करता है। भारत ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान अपने देश की नाकामी छिपाने के लिए बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाता है, जबकि सच्चाई यह है कि पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान ने उस पर अवैध कब्जा कर रखा है।

    क्षितिज त्यागी ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान को तुरंत भारत के अवैध कब्जे वाले इलाकों को खाली करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान बार-बार भारत पर आरोप लगाता है, लेकिन उसका उद्देश्य केवल ध्यान भटकाना है ताकि वह अपने भीतर की नाकामियों और आर्थिक संकट से लोगों का ध्यान हटा सके।

    भारत ने पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था का भी जिक्र किया। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान की जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है। वहां का रुपया लगातार गिर रहा है और लोग रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करने में भी संघर्ष कर रहे हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार आतंकवाद को पोषित करने और पड़ोसी देशों को अस्थिर करने में लगी रहती है।

    भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वह पाकिस्तान की नीतियों को गंभीरता से ले। भारत ने स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल अपनी विदेश नीति के तौर पर करता रहेगा, तब तक दक्षिण एशिया में स्थायी शांति संभव नहीं है।

    इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के भीतर हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन पर भी चिंता जताई। बलूचिस्तान, सिंध और पीओके में रहने वाले लोगों के साथ हो रहे भेदभाव और अत्याचारों का उल्लेख करते हुए भारत ने कहा कि पाकिस्तान के नेताओं को पहले अपने देश में मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, न कि दूसरों पर बेबुनियाद आरोप लगाने चाहिए।

    भारत के इस बयान को पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पाकिस्तान अक्सर संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत को घेरने की कोशिश करता है, लेकिन इस बार भारत ने न केवल उसका जवाब दिया बल्कि उसके अवैध कब्जे और मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा भी दुनिया के सामने रखा।

    विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का यह कदम न केवल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब वैश्विक मंचों पर और भी आत्मविश्वास से अपनी बात रख रहा है।

    भारत का यह सख्त संदेश ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट से गुजर रहा है। वहां की सरकार कर्ज और विदेशी दबाव के बोझ तले दबी हुई है। ऐसे में भारत का यह बयान पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।

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