




महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने मराठवाड़ा क्षेत्र के कई जिलों में तबाही मचा दी है। फसलें बर्बाद हुई हैं, सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और लाखों लोग मुश्किल हालात में फंस गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा के बीच राज्य सरकार ने केंद्र से आपदा राहत पैकेज की मांग की है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री श्री किशोर शिंदे ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने अतिरिक्त सहायता और आपदा प्रबंधन के लिए फंड की मांग की।
मराठवाड़ा में नुकसान का दायरा
मराठवाड़ा के जिलों में कई स्थानों पर जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। किसानों की खरीफ और रबी फसलें जलमग्न हो गई हैं। सड़क, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। कई गांवों में बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन भारी बारिश के कारण बचाव कार्यों में कठिनाई आ रही है।
फडणवीस-शिंदे की अमित शाह से बैठक
मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार को केंद्र से तत्काल आपदा राहत पैकेज की आवश्यकता है। उन्होंने पंजाब की तर्ज पर किसानों को मुआवजा देने और कर्जमाफी की मांग भी उठाई।
बैठक में केंद्र सरकार को बताया गया कि मराठवाड़ा के कई जिलों में फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं और किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसलिए, तुरंत आर्थिक सहायता और राहत पैकेज जारी करने की आवश्यकता है।
उद्धव ठाकरे का बयान
इस आपदा पर विपक्ष के नेता और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों और प्रभावित लोगों के लिए तत्काल राहत कार्य आवश्यक हैं। ठाकरे ने केंद्र और राज्य सरकार से मुआवजा और कर्जमाफी की मांग की और कहा कि प्राकृतिक आपदा में राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर लोगों की मदद करनी चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने जोर दिया कि आपदा राहत में तेजी लाना और प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना राज्य और केंद्र की जिम्मेदारी है।
विपक्ष की मांग
राज्य में भारी बारिश के बीच विपक्ष ने किसानों के लिए मुआवजा और कर्जमाफी की मांग उठाई है। उनका कहना है कि किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं और अगर समय पर राहत नहीं दी गई तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर संकट बन सकती है।
विपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया कि प्राकृतिक आपदा के समय में राजनीतिक मतभेद को पीछे रखकर तुरंत राहत कार्य और वित्तीय मदद सुनिश्चित की जाए।
राहत और बचाव कार्य
राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में राहत कार्य शुरू कर दिया है। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि लोग अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में न जाएं।
सैन्य और अर्धसैनिक बलों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र की स्थिति पर नजर बनाए रखी है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि आवश्यकतानुसार अतिरिक्त फंड और आपदा प्रबंधन सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
अमित शाह के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह स्पष्ट किया कि मराठवाड़ा के किसानों और प्रभावित क्षेत्रों को तत्काल राहत और आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।
प्राकृतिक आपदा और भविष्य की तैयारी
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में बार-बार ऐसे प्राकृतिक आपदाएं होती हैं, इसलिए पूर्व-सावधानी और आपदा प्रबंधन योजनाएं मजबूत करनी जरूरी हैं। नदियों के किनारे और निचले इलाकों में जल निकासी के बेहतर उपाय किए जाएं। किसानों के लिए फसल बीमा और मुआवजा तंत्र को और मजबूत किया जाए। मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए।
महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ ने मराठवाड़ा के जिलों में व्यापक नुकसान पहुंचाया है। मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे की अमित शाह से बैठक ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार केंद्र से आपदा राहत पैकेज की मांग कर रही है।
उद्धव ठाकरे और विपक्ष ने भी किसानों और प्रभावित लोगों के लिए तत्काल मुआवजा और कर्जमाफी की आवश्यकता पर जोर दिया है।
राज्य और केंद्र की त्वरित कार्रवाई ही मराठवाड़ा के किसानों और ग्रामीणों के लिए राहत और पुनर्निर्माण की उम्मीद जगा सकती है।