




दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में डीए (महंगाई भत्ता) और डीआर (महंगाई राहत) में 3 प्रतिशत बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई। इस फैसले से लगभग 48 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68 लाख पेंशनर्स को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का यह कदम त्योहारी सीजन में कर्मचारियों की जेब को राहत देने वाला साबित होगा।
डीए बढ़ोतरी का फैसला लंबे समय से केंद्रीय कर्मचारियों की मांग रही थी। लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार पर दबाव था कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को अतिरिक्त राहत दी जाए। केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाकर न केवल आर्थिक बोझ को थोड़ा हल्का करने की कोशिश की है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के हितों का ध्यान रखती है।
कितना होगा फायदा?
डीए में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में प्रतिमाह अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। उदाहरण के लिए यदि किसी कर्मचारी की मूल वेतन ₹20,000 रुपये है, तो उसके डीए में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी का मतलब है कि हर महीने करीब ₹600 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। इसी तरह उच्च वेतनमान वाले कर्मचारियों को और अधिक फायदा होगा। यह बढ़ोतरी सिर्फ वेतनभोगी कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि पेंशनर्स को भी डीआर के रूप में समान लाभ मिलेगा।
दिवाली गिफ्ट का आर्थिक महत्व
त्योहारी सीजन में कर्मचारियों और पेंशनर्स को अतिरिक्त आय का फायदा सीधे तौर पर बाजार में खर्च के रूप में दिखाई देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से बाजार में मांग को मजबूती मिलेगी और त्योहारों के दौरान बिक्री में भी इजाफा होगा। कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों में इस अतिरिक्त आय का असर देखने को मिलेगा।
केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन लंबे समय से डीए बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इस फैसले के बाद कर्मचारी संगठनों ने सरकार का आभार जताया और इसे दिवाली का सच्चा तोहफा बताया।
सरकार पर कितना पड़ेगा बोझ?
केंद्र सरकार के इस कदम से सरकारी खजाने पर हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। लेकिन सरकार का मानना है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत देना आवश्यक है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, डीए और डीआर बढ़ोतरी से हर साल हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय होगा, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने यह निर्णय लिया क्योंकि यह कर्मचारियों की जीवन-यापन लागत से सीधा जुड़ा हुआ है।
महंगाई से राहत
पिछले कुछ महीनों में लगातार बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। खासकर खाद्य पदार्थों, पेट्रोल-डीजल और रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की कीमतों में इजाफा हुआ है। डीए में बढ़ोतरी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कुछ हद तक राहत पहुंचाएगी। महंगाई भत्ता का उद्देश्य ही यही होता है कि बढ़ती कीमतों के बीच कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहे।
राजनीतिक संदेश भी छुपा
यह फैसला केवल आर्थिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसका राजनीतिक महत्व भी है। त्योहारों से पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स को यह तोहफा देकर सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह उनकी चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। खासकर ऐसे समय में जब देश में विभिन्न राज्यों में चुनावी माहौल है, यह फैसला सरकार की छवि को सकारात्मक बनाने में मदद करेगा।
भविष्य की उम्मीदें
कर्मचारी संगठनों का मानना है कि सरकार को भविष्य में भी डीए की समीक्षा समय-समय पर करनी चाहिए। अभी 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यदि महंगाई दर में और इजाफा होता है तो कर्मचारियों को और राहत देने की जरूरत होगी। सरकार हर साल दो बार डीए की समीक्षा करती है और महंगाई सूचकांक के आधार पर इसमें संशोधन किया जाता है।