




राजेश चौधरी | भादरा, हनुमानगढ़ | समाचार वाणी न्यूज़
आज के दौर में जब पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग चिंता का बड़ा कारण बने हुए हैं, ऐसे समय में राजस्थान के भादरा कस्बे से एक प्रेरणादायक पहल सामने आई है। पर्यावरण मित्र संस्थान के उपाध्यक्ष श्री सतीश झोरड़ के सुपुत्र रोहित झोरड़ ने अपने 21वें जन्मदिन को अनोखे तरीके से मनाते हुए 51 पौधे लगाकर समाज को हरियाली का संदेश दिया।
रोहित झोरड़ का यह कदम कोई पहली बार नहीं है। झोरड़ परिवार की खास परंपरा है कि उनके घर का हर बच्चा अपना जन्मदिन पौधे लगाकर मनाता है। वृक्ष मित्र अभियान के संचालक सुशील खजोतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि झोरड़ परिवार पिछले कई वर्षों से इस परंपरा को निभा रहा है और इसने समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया है।
सुशील खजोतिया ने कहा,
“अगर हर बच्चा अपने जन्मदिन पर पौधे लगाने का संकल्प ले ले तो आने वाले वर्षों में हमारा पर्यावरण हरियाली से भर जाएगा और प्रदूषण की समस्या भी काफी हद तक खत्म हो सकती है।”
रोहित ने अपने 21वें जन्मदिन के मौके पर वृक्ष मित्र अभियान के तहत विभिन्न प्रकार के 51 पौधे लगाए। इन पौधों में नीम, पीपल, बरगद, अशोक, गुलमोहर और फूलों वाले पौधे शामिल थे। इस मौके पर उनके मित्रों और परिवार के सदस्यों ने भी पौधे लगाकर रोहित का साथ दिया।
इस अवसर पर कमल सैनी, बाबूलाल सैनी, पप्पू पुजारी, कुशाल झोरड़ समेत कई लोगों ने रोहित को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं और उन्हें पौधे भेंट किए। सभी ने मिलकर यह संकल्प भी लिया कि लगाए गए पौधों की देखभाल करेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली का उपहार छोड़ेंगे।
आज के समय में युवा पीढ़ी जिस तरह से आधुनिकता और डिजिटल लाइफस्टाइल की ओर बढ़ रही है, ऐसे में पर्यावरण संरक्षण जैसी गतिविधियों में युवाओं की भागीदारी बेहद सराहनीय है। रोहित झोरड़ का यह कदम निश्चित ही युवाओं के लिए एक मिसाल है।
भारत में हर साल लाखों पेड़ काटे जाते हैं, जिससे न केवल प्रदूषण बढ़ता है बल्कि जलवायु परिवर्तन की समस्या भी गहराती जा रही है। ऐसे में पौधारोपण ही एकमात्र उपाय है जो इस संकट को कम कर सकता है। रोहित का यह कदम इस बात का प्रमाण है कि अगर युवा आगे आएं तो समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
जन्मदिन के इस मौके पर उपस्थित लोगों ने रोहित को ढेर सारी शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सभी ने मिलकर कहा कि रोहित जैसे युवाओं की पहल से समाज में नई सोच पैदा होती है और पर्यावरण संरक्षण का अभियान मजबूत होता है।