• Create News
  • Nominate Now

    महाराष्ट्र बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़ा उत्तर भारतीय समाज, मुंबई की सभा में राहत कोष हेतु अपील

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    महाराष्ट्र में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने राज्य के कई जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस प्राकृतिक आपदा में किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं और हजारों परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस त्रासदी के बीच अब उत्तर भारतीय समाज ने आगे आकर बाढ़ पीड़ितों की मदद का संकल्प लिया है। मुंबई में आयोजित उत्तर भारतीय संघ की साधारण सभा में यह निर्णय लिया गया कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जाएगी और इसके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में विशेष फंड जमा कराया जाएगा।

    उत्तर भारतीय समाज की बड़ी घोषणा

    मुंबई में आयोजित इस सभा में उत्तर भारतीय समाज के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र की धरती ने हमेशा सभी समुदायों को अपनाया है, ऐसे में संकट की इस घड़ी में समाज का कर्तव्य बनता है कि वह पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा हो। सभा में तय किया गया कि जल्द ही बाढ़ राहत कार्यों के लिए एक बड़ी राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की जाएगी। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और दवाइयों की व्यवस्था भी की जाएगी।

    किसानों और ग्रामीणों के दर्द में साझेदारी

    बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र के कई जिलों में किसानों की पूरी फसलें बर्बाद हो गई हैं। खेतों में खड़ी धान, सोयाबीन और गन्ने की फसल पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है। कई किसानों के घर और मवेशी भी बाढ़ की चपेट में आ गए। इस स्थिति ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुँचाया है। उत्तर भारतीय समाज ने यह भी घोषणा की कि वह केवल आर्थिक सहयोग ही नहीं करेगा, बल्कि बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री भी पहुंचाएगा।

    मुंबई की सभा में दो अहम अपील

    सभा में उत्तर भारतीय समाज की ओर से दो अहम अपील की गईं। पहली अपील यह थी कि समाज के हर वर्ग के लोग आगे आएं और अपनी क्षमता के अनुसार दान करें। दूसरी अपील यह थी कि अधिक से अधिक युवा स्वयंसेवक राहत कार्यों में जुड़ें और जरूरतमंदों तक सीधे मदद पहुंचाएं। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि केवल धनराशि जमा करना ही काफी नहीं है, बल्कि पीड़ितों के बीच जाकर उनका दर्द समझना और उनके साथ खड़ा होना भी उतना ही जरूरी है।

    मुख्यमंत्री राहत कोष में जल्द जमा होगा फंड

    उत्तर भारतीय समाज ने यह स्पष्ट किया है कि बहुत जल्द मुख्यमंत्री राहत कोष में फंड जमा कर दिया जाएगा। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह राशि केवल आर्थिक मदद के रूप में नहीं, बल्कि महाराष्ट्र और उत्तर भारतीयों के बीच गहरे भाईचारे और एकता का प्रतीक होगी। यह कदम इस संदेश को भी मजबूती देता है कि संकट के समय सभी समुदाय और समाज एक होकर खड़े हो सकते हैं।

    एकजुटता का अनोखा उदाहरण

    उत्तर भारतीय समाज की यह पहल न केवल महाराष्ट्र के बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाएगी बल्कि यह भी साबित करेगी कि देश की एकता केवल शब्दों तक सीमित नहीं है। जब भी कोई संकट आता है, भारतीय समाज अपनी सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ एक होकर उसका सामना करता है। मुंबई की इस सभा ने यह दिखा दिया कि चाहे भाषा या क्षेत्र अलग हो, इंसानियत सबसे ऊपर है।

    सोशल मीडिया और जनसमर्थन

    उत्तर भारतीय समाज की इस पहल को सोशल मीडिया पर भी सराहा जा रहा है। लोग इसे मानवता का सबसे बड़ा उदाहरण मान रहे हैं। कई संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस कदम का समर्थन करते हुए कहा है कि इससे पीड़ित परिवारों को हिम्मत मिलेगी और उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाने में मदद होगी।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    मुंबई समेत महाराष्ट्र में मॉनसून विदाई, अक्टूबर में फिर बढ़ सकती है गर्मी

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। मुंबई और पूरे महाराष्ट्र में इस बार का मॉनसून धीरे-धीरे विदा ले रहा है। मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के…

    Continue reading
    पारंपरिक स्नेह और सम्मान: ममता बनर्जी ने अमिताभ बच्चन को जन्मदिन पर दी शुभकामनाएं

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को उनके जन्मदिन पर सोशल मीडिया के माध्यम…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *