




केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के उद्देश्य से AIIMS के सहयोग से एक वर्चुअल मानसिक स्वास्थ्य श्रृंखला का शुभारंभ किया है। यह कार्यक्रम 4 से 10 अक्टूबर 2025 तक चलेगा और इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य पर व्यापक जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाना है। इस पहल के तहत स्कूलों के प्रिंसिपल, शिक्षक, छात्र और अभिभावक एक साथ जुड़ेंगे और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझेंगे।
CBSE ने इस वर्चुअल श्रृंखला के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर फोकस करने का लक्ष्य रखा है। छात्रों में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं को पहचानने और उनसे निपटने के लिए यह कार्यक्रम अत्यंत उपयोगी साबित होगा। इसके अलावा शिक्षकों को यह प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे छात्रों की मानसिक स्थिति पर ध्यान दें और समय रहते आवश्यक समर्थन प्रदान करें।
इस वर्चुअल श्रृंखला में AIIMS के विशेषज्ञ मानसिक स्वास्थ्य पर सत्र संचालित करेंगे। वे छात्रों और शिक्षकों को तनाव प्रबंधन, आत्म-सम्मान और सकारात्मक सोच विकसित करने के तरीके बताएंगे। अभिभावकों को भी शामिल किया गया है ताकि वे अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को समझें और आवश्यक सहायता प्रदान कर सकें।
CBSE के अधिकारियों ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना आज के समय की आवश्यकता है। स्कूलों में पढ़ाई के दबाव और प्रतियोगिताओं के कारण छात्र मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इस पहल का मकसद छात्रों के मानसिक संतुलन को बनाए रखना और उन्हें स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है।
कार्यक्रम में वर्चुअल सत्रों के अलावा प्रश्नोत्तरी और इंटरेक्टिव सेशन भी शामिल होंगे। इससे शिक्षक, छात्र और अभिभावक अपने सवालों के जवाब विशेषज्ञों से प्राप्त कर सकेंगे। यह पहल शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक होगी।
CBSE की इस नई पहल का लक्ष्य मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को सामान्य करना है। अक्सर मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा नहीं होती, जिससे समस्या को पहचानना और उसका समाधान करना कठिन हो जाता है। इस वर्चुअल श्रृंखला से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समझ और संवेदनशीलता बढ़ेगी।
AIIMS के विशेषज्ञों ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल चिकित्सा का विषय नहीं है, बल्कि यह शैक्षिक और सामाजिक विकास का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। कार्यक्रम में छात्रों को सकारात्मक सोच, ध्यान और योग के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने की तकनीकें सिखाई जाएंगी।
CBSE ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे इस वर्चुअल श्रृंखला में अधिक से अधिक छात्रों और शिक्षकों को शामिल करें। इसके तहत शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे तनाव और अवसाद के लक्षणों को पहचान सकें और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करें।
इस पहल से यह संदेश भी जाता है कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। स्कूलों के साथ-साथ अभिभावक भी इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे और उनकी सहायता करेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य पर सामाजिक दृष्टिकोण बदल सकती है। बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ने से उनके जीवन में संतुलन और खुशहाली आएगी।
कुल मिलाकर CBSE और AIIMS की यह वर्चुअल मानसिक स्वास्थ्य श्रृंखला शिक्षा जगत में एक नई दिशा तय कर रही है। यह छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझने और उसका सही रख-रखाव करने का अवसर दे रही है।
इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि मानसिक स्वास्थ्य पर व्यापक जागरूकता फैलाकर स्कूल और घर दोनों स्थानों पर बच्चों के लिए सुरक्षित और सहयोगात्मक वातावरण बनाया जा सकेगा।