




भारतीय राजनीति और रक्षा क्षेत्र में एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता नरेश बंसल ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तानी आतंकियों को बख्शने के मूड में नहीं है। उन्होंने बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारतीय सशस्त्र बलों को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में पूरी छूट मिल गई है।
नरेश बंसल ने कहा कि इस समय सेना का मनोबल अत्यंत उच्च स्तर पर है। पिछले वर्षों में आतंकवाद के खिलाफ हुए ऑपरेशनों और सशस्त्र बलों की तैयारियों ने सैनिकों को आत्मविश्वास दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सेना को आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिक्रिया देने के लिए समय और तरीके का निर्णय स्वयं लेने की स्वतंत्रता है। यह स्वतंत्रता भारतीय सुरक्षा संरचना की मजबूती और रणनीतिक क्षमता को दर्शाती है।
सांसद ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की सुरक्षा नीतियों में काफी बदलाव आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सेना को संसाधनों, तकनीकी सहायता और रणनीतिक निर्णय लेने में पूरी छूट दी है। इसका नतीजा यह हुआ है कि सेना अब आतंकवादियों के खिलाफ तेजी से और निर्णायक कार्रवाई कर सकती है।
नरेश बंसल ने विशेष रूप से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन और उनकी गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि अब भारत की सेना किसी भी आतंकवादी को बचाने या बख्शने की स्थिति में नहीं है। भारतीय सेना की नीति पूरी तरह से देश की सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का जवाब सिर्फ सुरक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक और सक्रिय तरीके से दिया जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सांसद का यह बयान न केवल राजनीतिक बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह भारत के आक्रामक रक्षा दृष्टिकोण और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति को रेखांकित करता है। सेना के पास अब न केवल आधुनिक हथियार और तकनीक हैं, बल्कि उन्हें संचालन और रणनीति तय करने का अधिकार भी प्राप्त है।
नरेश बंसल ने कहा कि सेना का मनोबल बढ़ने के कारण वह न केवल वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है, बल्कि भविष्य में आतंकवाद के किसी भी रूप का मुकाबला करने के लिए भी पूरी तरह सुसज्जित है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी आतंकियों या उनके समर्थकों को भारतीय क्षेत्र में कोई भी गतिविधि करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सांसद का यह बयान आगामी सुरक्षा और राजनीतिक रणनीतियों पर प्रभाव डाल सकता है। इससे पाकिस्तान को यह संदेश भी जाता है कि भारत अपनी सैन्य और रणनीतिक नीतियों में कोई कमी नहीं रखता और वह अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए किसी भी कदम को तुरंत और निर्णायक रूप से उठाने के लिए तैयार है।
सांसद ने आगे कहा कि आतंकवाद का मुकाबला केवल सेना का कार्य नहीं है, बल्कि यह सरकार और सुरक्षा एजेंसाओं का संयुक्त प्रयास है। केंद्र सरकार द्वारा सेना को प्रदान की गई छूट और संसाधनों ने इसे संभव बनाया है कि भारतीय सैनिक अपनी योजनाओं और ऑपरेशनों में किसी भी बाधा के बिना कार्रवाई कर सकें।
अंततः नरेश बंसल का यह बयान भारतीय जनता के लिए भी संदेश है कि देश की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सेना की स्वतंत्रता, मनोबल और रणनीतिक क्षमता भारत को आतंकवाद के किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी आतंकवादियों के सामने कमजोर नहीं होगा और पाकिस्तान या किसी भी बाहरी शक्ति को भारतीय क्षेत्र में आतंक फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस बयान के बाद रक्षा विशेषज्ञों और मीडिया में चर्चा तेज हो गई है। यह स्पष्ट है कि भारतीय सेना अब न केवल रक्षात्मक बल्कि आक्रामक रणनीति के लिए भी पूरी तरह तैयार है। सांसद के शब्दों में देश की सुरक्षा और सेना की शक्ति का भरोसा झलकता है।